उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि देर रात्रि तक 11,697 मतदान पार्टियों में से 9,385 मतदान पार्टियां संग्रह केंद्रों पर लौट जाएंगी और शेष दूरस्थ क्षेत्र की कुल 2,312 मतदान पार्टियां अगले दिन संग्रह केंद्रों पर लौटेंगी।
पहाड़ पर कमल खिलेगा या पंजे को सत्ता की चाभी मिलेगी, उत्तराखंड के मतदाताओं ने अपना फैसला ईवीएम में दर्ज करा दिया है। 10 मार्च को यह पता चलेगा कि उत्तराखंडी की पांचवीं विधानसभा में जनता ने किस दल के राजतिलक के लिए मतदान किया है। उत्तराखंड में विधानसभा का चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। 70 विधानसभा सीटों के लिए 632 उम्मीदवार चुनाव मैदान थे। मतदान सुबह 8 बजे से शुरू हुआ और शाम 6 बजे तक चला। इस बार 70 विधानसभा क्षेत्रों में 11,697 मतदाता केंद्र बनाए गए थे। इस बार लगभग 62.5 प्रतिशत मतदान हुआ है। अभी तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, हरिद्वार के लक्सर में सबसे अधिक 81.95 प्रतिशत जबकि सल्ट में 46.01 प्रतिशत मतदान हुआ। यह आंकड़ें मंगलवार सुबह तक अपडेट हो जाएंगे। दुर्गम इलाकों के पोलिंग दस्तों की फाइनल रिपोर्ट के बाद ही मतदान का अंतिम आंकड़ा सामने आ सकेगा। माना जा रहा है कि यह 65 प्रतिशत के आसपास हो सकता है।
चुनाव आयोग ने कोरोना प्रोटोकाल को ध्यान में रखते हुए इस बार मतदान की अवधि को एक घंटा बढ़ा दिया था। उत्तराखंड में लगभग 82 लाख मतदाता थे, इनमें से 42 लाख से ज्यादा पुरुष और 39 लाख से ज्यादा महिला मतदाता थे। उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया है कि राज्य की सभी 70 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के 11,697 मतदेय स्थलों पर मतदान शांतिपूर्वक सम्पन्न हो गया। राज्य में लगभग 62.5 प्रतिशत मतदान हुआ लेकिन मतदान समाप्ति के बाद मतदान पार्टियों के संग्रह केंद्र पर लौटने के बाद ही मतदान प्रतिशत के वास्तविक आंकड़ों के बारे में जानकारी मिलेगी।
उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 80 हजार अधिकारियों और कर्मचारियों तथा लगभग 40 हजार सुरक्षा कर्मियों, जिसमें केन्द्रीय अद्धैसैनिक बल सहित लगभग 1.20 लाख कार्मिकों को निर्वाचन प्रक्रिया के सफल बनाने और मतदान कार्मिक आदि के रूप में निर्वाचन संबंधी विभिन्न दायित्वों के लिए तैनात किया गया था। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान के दिन मॉकपोल से मतदान की समाप्ति तक लगभग 137 बी.यू. तथा 155 सी.यू. एवं 294 वीवीपैट में कुछ तकनीकी खराबी की सूचना प्राप्त हुई थी जिन्हें तत्काल सेक्टर मजिस्ट्रेटों के द्वारा रिजर्व मशीनों से बदल दिया गया था। उन्होंने कहा कि मतदान की समाप्ति के पश्चात देर रात्रि तक 11,697 मतदान पार्टियों में से 9,385 मतदान पार्टियां संग्रह केंद्रों पर लौट जाएंगी और शेष दूरस्थ क्षेत्र की कुल 2,312 मतदान पार्टियां अगले दिन संग्रह केंद्रों पर लौटेंगी।
राज्य के सभी मतदान केंद्रों पर मतदान को लेकर मतदाताओं में भारी उत्साह देखने को मिला। राज्य की मातृशक्ति ने मतदान में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। सल्ट विधानसभा क्षेत्र में सभी आयु वर्गों के मतदाताओं का उत्साह देखने को मिला। सबसे अधिक ऊंचाई (10870 फीट) गंगोत्री में स्थित पोलिंग स्टेशन भी इससे अछूता नहीं है। यहां भी बड़ी संख्या में लोग मतदान करने के लिए पहुंचे।
टिहरी जनपद के जड़धार गांव निवासी 97 वर्षीय जबर सिंह नेगी को डोली में बैठाकर मतदान केंद्र तक लाया गया। सहसपुर विधानसभा क्षेत्र की 106 वर्षीय कांता देवी ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
वहीं उत्तरकाशी जिले में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चिंद्रिया लाल ने मतदान किया। वह डोली की मदद से पोलिंग सेंटर तक पहुंचे थे।
हल्द्वानी में मतदान करने आई 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला चलने में असमर्थ थी, तो कांस्टेबल मनोज जोशी ने उन्हें गोद में उठा लिया और बूथ तक पहुंचाया। देहरादून में तीन पीडियां एक साथ मतदान करने आई। देहरादून में दादी, मां और बेटी ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राज्य के सभी नागरिकों एवं मतदाताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने सभी राजनैतिक दलों तथा निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों का भी आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने राज्य की आपसी भाईचारे की परम्परा को कायम रखते हुए शांतिपूर्ण निर्वाचन में अपना विशेष योगदान दिया।
पांच बजे तक किसे जिले में कितना मतदान
जनपद मतदान प्रतिशत
अल्मोड़ा 50.65
बागेश्वर 57.83
चमोली 59.28
चंपावत 56.97
देहरादून 52.93
हरिद्वार 67.58
नैनीताल 63.12
पौड़ी गढ़वाल 51.93
पिथौरागढ़ 57.49
रुद्रप्रयाग 60.36
टिहरी गढ़वाल 52.66
ऊधम सिंह नगर 65.13
उत्तरकाशी 65.55
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