दून विश्वविद्यालय में स्थापित हुआ उत्तराखंड का पहला डॉ. अंबेडकर चेयर सेंटर, जानें क्या होगा फायदा

दून विश्वविद्यालय में स्थापित हुआ उत्तराखंड का पहला डॉ. अंबेडकर चेयर सेंटर, जानें क्या होगा फायदा

दून विश्वविद्यालय में डॉ. आंबेडकर चेयर की स्थापना की गई है। इस सेंटर को प्रबुद्धजनों, शिक्षाविदों और छात्रों के लिए तैयार किया जाएगा जिससे डॉ. आंबेडकर के विचारों, शिक्षाओं को समझकर उसका प्रचार-प्रसार किया जा सके। साथ ही उनके अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, धर्म, दर्शन शास्त्र, शिक्षा, समाज कार्य पर भी अध्ययन और शोध हो सकेगा।

दून विश्वविद्यालय में उत्तराखंड का पहला और देश का 25वां डॉ. अंबेडकर चेयर सेंटर स्थापित किया गया है। राज्यपाल बेबीरानी मौर्य और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को इस सेंटर का उद्घाटन किया। इस मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी मौजूद रहे। यह सेंटर केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत प्रदेश के अनुसूचित जाति, जनजाति, आदिवासी व महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए काम करेगा। दून विश्वविद्यालय को यह सेंटर पांच साल के लिए मिला है। इस सेंटर को फंड डॉ. बीआर अंबेडकर फाउंडेशन से मिलेगा।

दून यूनिवर्सिटी की वीसी प्रो. सुरेखा डंगवाल ने विश्वविद्यालय की ओर से राज्यपाल का स्वागत किया। उन्होंने डॉ. अंबेडकर चेयर की स्थापना के बारे में बताया कि यह प्रस्ताव गवर्नर बेबीरानी मौर्य के दिशानिर्देश से ही केंद्र तक पहुंचा। यहां पहाड़ में महिलाओं की पहाड़ जैसी समस्याएं हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. आंबेडकर ने न केवल वंचित वर्ग को मुख्य धारा में लाने का काम किया बल्कि भारतीय महिलाओं के हित में भी बड़ा योगदान किया। उसी की बदौलत आजादी के महिलाओं को वो सारे अधिकार मिले जो यूरोप के देशों में काफी संघर्ष के बाद मिला।

वीसी ने सुनाया अंबेडकर का किस्सा

कुलपति ने कहा कि वह बड़े कानूनविद और दूरदर्शी थे। एक बार जब पत्रकार इंग्लैंड से गांधी जी से मिलने आए थे तो वे देर से पहुंचे गांधी जी सो गए थे, वे जिन्ना के पास गए। जिन्ना भी सो चुके थे। 12 बजे रात अंबेडकर के पास पहुंचे तो वह अध्ययन कक्ष में कोट-पैंट टाई में मिले। जब पत्रकारों ने कहा कि हमें दो महानुभावों के इंटरव्यू नहीं मिला पाए, आप इतनी रात को क्यों जग रहे हैं। इस पर अंबेडकर ने कहा कि गांधी जी और जिन्ना जी सो सकते हैं क्योंकि उनका समाज जागृत है पर मेरा समाज सोया हुआ है इसलिए मुझे जागना होगा।

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने बताया बड़ा कदम

राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने कहा कि मैं डॉ. अंबेडकर चेयर मिलने पर बधाई देती हूं। इस चेयर के माध्यम से महिला सशक्तीकरण, सामाजिक न्याय, सामाजिक बदलाव, मानवाधिकार, जातिगत भेदभाव पर शोध और शिक्षण कार्य होगा। उससे डेटा निकलेगा कि हमें और क्या करना चाहिए। यह एक बड़ा कदम है। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि भारतीय समाज के ताने-बाने की गहरी समझ रखने वाले बाबा साहेब ने संविधान में विभिन्न कानूनों का समावेश किया ताकि देश की सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है। आज भी हम उस राष्ट्र के निर्माण में लगे हैं जिससे बाबा साहेब के सपनों का भारत बन सके। जहां लोग बिना छुआछूत, धर्म या जाति के भेदभाव के एक सम्मानित जीवन जी सकें। हमारे विश्वविद्यालयों का यह दायित्व है कि बाबा साहेब के सपनों को साकार करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि विश्वद्यालयों को लोक कलाओं, लोक संगीत एवं लोक संस्कृति के संरक्षण के लिये कार्य करना चाहिए।

सीएम ने कहा, विश्वविद्यालय की समस्याएं दूर करने को बुलाएं मीटिंग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि डॉ. अंबेडकर जी की जीवनी और उनके संघर्ष को हम सब अच्छे से जानते हैं। मैं भी विश्वविद्यालय में 9-10 वर्षों तक रहा हूं, तो यहां जितने क्रियाकलाप होते हैं। छात्र परिषद से लेकर सारे काम के बारे में मैं अच्छे से जानता हूं। लेकिन विद्वानों के बीच में बोलने में हिचक होती थी। वैसे भी लोग कहते हैं कि जहां विद्वान लोग हों वहां कम बोलना नहीं चाहिए।

सीएम ने कहा कि जब मैं छात्रों के बीच में होता हूं तो अपना विद्यार्थी जीवन याद आने लगता है। सीएम ने कहा कि मैंने यूपी के बस्ती में काफी काम किया था। ऐसे में जब इस कार्यक्रम के बारे में पता चला तो मैं कोई तैयारी करके नहीं आया।

सीएम धामी ने आगे कहा कि दून विश्वविद्यालय का काम प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों से अच्छा है। दूसरे विवि में उतना अच्छा काम नहीं है। कई बार आपसी खींचतान, कहीं पर दिक्कतें हैं। इसी में से रास्ता निकालना है, अब कितने समय के लिए दिया गया है ये आपसबके सामने है।

कई विभागों में आंदोलन, हड़ताल की बात का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि आपको पता होना चाहिए कि हमारे राज्य की आर्थिक स्थिति क्या है। हम बीच का रास्ता निकाल रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि मैं कुलाधिपति महोदय से अनुरोध करूंगा कि जल्दी हम विश्वविद्यालयों की मीटिंग बुलाएंगे, क्या समस्याएं हैं और हम कितना समाधान कर सकते हैं, इस पर बात करेंगे। अगर हम लोगों को सही बात बताएंगे तो वे समझेंगे कि हम क्या कर सकते हैं और क्या नहीं कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दून विश्वविद्यालय को डॉ. भीमराव अम्बेडकर चेयर स्थापना का सौभाग्य प्राप्त हुआ, यह विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर के जीवन संघर्ष एवं सामाजिक सरोकारों के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों से सभी परिचित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दून विश्वविद्यालय द्वारा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अनेक सराहनीय प्रयास किए जा रहे हैं। दून विश्वविद्यालय में पुस्तकालय भवन के लिए बजट की व्यवस्था जल्द की जाएगी।

सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हर क्षेत्र में क्वालिटी ऑफ वर्क देने का प्रयास किया जाएगा। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न समस्याओं के समाधान एवं शैक्षणिक गुणवत्ता के सुधार के लिए जल्द ही एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि राज्य में सीमित आर्थिक संसाधन हैं, इसके बावजूद भी राज्य सरकार द्वारा जनहित में अनेक निर्णय लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी घोषणाएं की जाएंगी, समयबद्धता के साथ वे पूर्ण भी की जाएंगी। सबको साथ लेकर राज्य को आगे बढ़ाया जाएगा। राज्य सरकार का प्रयास है कि 2027 तक उच्च शिक्षा, पर्यटन, कृषि एवं सड़कों के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाएंगे।

सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न की मांग, उत्तराखंड चुनाव से पहले केजरीवाल ने खेला बड़ा दांव

उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि दून विश्वविद्यालय में राज्य के पहले डॉ. भीमराव अम्बेडकर चेयर स्थापना हुई है। पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर भी दून विश्वविद्यालय में एक चेयर की स्थापना की जाएगी। दून विश्वविद्यालय में डा. नित्यानन्द हिमालयी शोध एवं अध्ययन संस्थान शीघ्र बनकर पूर्ण हो जाएगा।

Hill Mail
ADMINISTRATOR
PROFILE

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *

विज्ञापन

[fvplayer id=”10″]

Latest Posts

Follow Us

Previous Next
Close
Test Caption
Test Description goes like this