पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में बड़े-बड़े संस्थानों का आगे आना आने वाली पीढ़ी के लिए बेहद सुखद संदेश है। जनसहभागिता के चलते 01 लाख वृक्ष लगाने का का हमारा संकल्प सिद्धि की ओर बढ़ रहा है। कई संस्थान भी हमारी इस मुहिम में सहभागी बन रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की पर्यावरण संरक्षण के लिए चलाई जा रही प्रदेशव्यापी मुहिम को व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है। विश्व पर्यावरण दिवस यानि 5 जून 2021 को उन्होंने प्रदेश भर में पीपल, बरगद और नीम आदि के एक लाख वृक्ष लगाने का अभियान शुरू किया था। अब कई केंद्रीय संस्थान भी उनकी इस पहल से जुड़ रहे हैं। इसी कड़ी में देहरादून में मंगलवार को आजादी के अमृत महोत्सव के तहत सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आईआईपी) में वृक्षारोपण किया गया। इस मौके पर प्रख्यात पर्यावरणविद एवं पद्मभूषण चंडी प्रसाद भट्ट भी मौजूद रहे।
इस अवसर त्रिवेंद्र सिंह ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में बड़े-बड़े संस्थानों का आगे आना आने वाली पीढ़ी के लिए बेहद सुखद संदेश है। जनसहभागिता के चलते 01 लाख वृक्ष लगाने का का हमारा संकल्प सिद्धि की ओर बढ़ रहा है। कई संस्थान भी हमारी इस मुहिम में सहभागी बन रहे हैं। इस दौरान उन्होंने संस्थान के वैज्ञानिकों से बातचीत की और वहां बायोडीजल के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयोगों को भी देखा।
पद्म भूषण चंडी प्रसाद भट्ट ने संस्थान के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि वैज्ञानिक समुदाय को एक बेहतर भारत के लिए सभी के साथ मिलकर काम करना चाहिए। इस दौरान सीएसआईआर-आईआईपी के निदेशक डा. अंजन रे ने सभी मेहमानों को संस्थान में चल रही शोध गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने पेड़ से उत्पन्न तेल स्नेहक, अपशिष्ट प्लास्टिक से डीजल, बायोडीजल, बायोमास और पीएनजी बर्नर जैसे कुछ प्रमुख क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों का उल्लेख किया।
पूर्व सीएम ने कहा कि वायुमंडल की हवा से ऑक्सीजन को पृथक करने का संस्थान का सफल प्रयोग व्यापारिक आधार ले चुका है। PM केयर फंड से IIP देश भर में 108 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित कर रहा है। उत्तराखंड में काशीपुर और रानीखेत में ये प्लांट विकसित किए जा रहे हैं। इस मौके पर आईएमडी के निदेशक डा. विक्रम सिंह, यूएसएसी के निदेशक प्रोफेसर एमपीएस बिष्ट, शमशेर सिंह पुंडीर, बृज भूषण गैरोला, पृथ्वी राज सिंह आदि ने अपने परिसरों में रोपण के लिए पौधे लिए।
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *