मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ग्राम स्तर पर रोजगार के साधन उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। पशुपालन से ग्रामीणों की आजीविका में सुधार लाया जा सकता है।
लॉकडाउन के बाद बड़ी संख्या में प्रवासियों की वापसी के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हिल-मेल के ई-रैबार कार्यक्रम में कहा था कि उनका सबसे ज्यादा जोर कृषि और पशुपालन क्षेत्र पर होगा। इन क्षेत्रों के जरिये हम लौट रहे प्रवासियों को तत्काल स्वरोजगार से जोड़ सकते हैं। उत्तराखंड सरकार ने इस योजना को अमलीजामा पहना दिया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ग्राम स्तर पर रोजगार के साधन उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। पशुपालन से ग्रामीणों की आजीविका में सुधार लाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 3 हजार दुग्ध उत्पादकों को कुल 10 हजार दुधारू पशु उपलब्ध कराए जाएंगे और 500 आंचल मिल्क बूथ स्थापित किए जाएंगे। इसके तहत राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना और गंगा गाय महिला डेरी योजना में दुधारू पशुओं को खरीदने पर 25 प्रतिशत अनुदान और शहरी क्षेत्रों में आंचल मिल्क बूथ स्थापित करने के लिए 20 प्रतिशत अनुदान पर ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है।
किस-किस को मिलेगा लाभ
इस योजना का लाभ दुग्ध सहकारी समिति के सदस्यों को दिया जाएगा। जो लोग इस समय किसी दुग्ध सहकारी समिति का सदस्य न हो लेकिन सदस्य बनने का इच्छुक हो, उन्हें भी योजना के तहत लाभान्वित किया जाएगा। योजना के तहत क्रय किए जाने वाले दुधारू पशु राज्य के बाहर से क्रय किए जाएंगे, ताकि प्रदेश में पशुधन की वृद्धि हो। योजना में 3 हजार दुग्ध उत्पादकों को कुल 10 हजार दुधारू पशु उपलब्ध कराए जाएंगे और 500 आंचल मिल्क बूथ स्थापित किए जाएंगे। योजना का लाभ लेने के लिए 01 जून से 15 जुलाई 2020 तक प्रबंधक/प्रधान प्रबंधक दुग्ध संघ कार्यालय में आवेदन किया जा सकता है।
साइलेज एवं पशु पोषण योजना
ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के सिर से चारे का बोझा हटाने तथा साल भर पौष्टिक और हरे चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा साइलेज एवं पशु पोषण योजना प्रारंभ की गई है जिसके अंतर्गत प्रदेश में गठित दुग्ध सहकारी समिति के सदस्यों को 50 प्रतिशत अनुदान पर साइलेज (मक्के का हरा चारा) उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा साइलेज के ढुलान पर होने वाले व्यय की धनराशि भी अनुदान के रूप में दी जा रही है।
इस योजना से प्रदेश के मैदानी तथा सुदूरवर्ती जनपदों में दुग्ध उत्पादकों को एक ही दर अर्थात 3.25 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से उनके द्वार पर ही साइलेज की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। योजना से दुग्ध सहकारी समिति के लगभग 50 हजार पोरर सदस्यों को लाभान्वित किया जाएगा। योजना के सफलतापूर्वक संचालन से जहां एक ओर पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार होगा वहीं दूसरी ओर दूध की गुणवत्ता में भी सुधार होने से दुग्ध उत्पादकों को अधिक मूल्य प्राप्त होगा।
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