बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान में बताया गया कि इसमें 85 हैक्टेयर क्षेत्र लिया गया है। देवदर्शिनी स्थल विकसित किया जाएगा। एक संग्रहालय व आर्ट गैलेरी भी बनाई जाएगी। दृश्य एवं श्रव्य माध्यम से दशावतार के बारे में जानकारी दी जाएगी।
उत्तराखंड सरकार की ओर से बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष बदरीनाथ का मास्टरप्लान पेश किया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये प्रधानमंत्री मोदी को केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की भी जानकारी दी गई।
प्रधानमंत्री ने निर्देश दिए कि बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि वहां का पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व बना रहे। इसे मिनी स्मार्ट, स्पिरिचुअल सिटी के रूप में विकसित किया जाए। होम स्टे भी विकसित किए जा सकते हैं। निकटवर्ती अन्य आध्यात्मिक स्थलों को भी इससे जोड़ा जाए। बदरीनाथ के मास्टर प्लान का स्वरूप पर्यटन पर आधारित न हो बल्कि पूर्ण रूप से आधात्मिक हो। बदरीनाथ धाम के प्रवेश स्थल पर विशेष लाइटिंग की व्यवस्था हो जो आध्यात्मिक वातावरण के अनुरूप हो।
प्रधानमंत्री ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बदरीनाथ धाम और केदारनाथ धाम के विकास कार्यों में स्थानीय लोगों का सहयोग मिल रहा है। निकटवर्ती गांवों में होम स्टे पर काम किया जा रहा है। सरस्वती और अलकनंदा के संगम स्थल केशवप्रयाग को भी विकसित किया जा सकता है। बदरीनाथ धाम में व्यास व गणेश गुफा का विशेष महत्व है। इनके पौराणिक महत्व की जानकारी भी श्रद्धालुओं को मिलनी चाहिए। बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर काम करने में भूमि की समस्या नहीं होगी। केदारनाथ की तरह ही बदरीनाथ में भी 12 महीने काम होगा।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और चारधाम राजमार्ग परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। इससे श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा काफी सुविधाजनक हो जाएगी।
ऐसा है बदरीनाथ धाम का मास्टर प्लान
बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान में बताया गया कि इसमें 85 हैक्टेयर क्षेत्र लिया गया है। देवदर्शिनी स्थल विकसित किया जाएगा। एक संग्रहालय व आर्ट गैलेरी भी बनाई जाएगी। दृश्य एवं श्रव्य माध्यम से दशावतार के बारे में जानकारी दी जाएगी। बदरीनाथ मास्टर प्लान को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। मास्टर प्लान को पर्वतीय परिवेश के अनुकूल बनाया गया है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शंकराचार्य के समाधि स्थल का काम तेजी से चल रहा है। सरस्वती घाट पर आस्था पथ का काम पूरा हो गया है। दो ध्यान गुफाओं का काम इस माह के अंत तक पूर्ण हो जाएगा। ब्रह्म कमल की नर्सरी के लिए स्थान चिन्हित कर लिया गया है। गरूड़चट्टी में ब्रिज का पुनर्निर्माण कर लिया गया है।
बदरीनाथ के मास्टरप्लान के प्रस्तुतिकरण के लिए उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव दिलीप जावलकर प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचे हुए थे।
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