उत्तराखंड के सभी स्कूलों और आंगनबाडी केंद्रों में पेयजल कनेक्शन लगाने के लिए 100 दिन का मिशन चल रहा है। उत्तराखंड सरकार ने जल जीवन मिशन पर एक अनोखी पहल करते हुए प्रत्येक ग्रामीण घर में एक रुपये में पानी का कनेक्शन देने की शुरुआत की है। इस वित्तीय वर्ष में कोरोना जैसी विषम परिस्थितियां होने पर भी 30 सितम्बर तक 61 हजार से अधिक पानी के कनेक्शन दिए जा चुके हैं। प्रदेश में कुल गांव 15,218 हैं। इनमें से 623 गांव ऐसे हैं, जहां पानी की लाइन नहीं गई है।
हर घर तक पीने का शुद्ध पानी पहुंचाने वाले ‘जल जीवन मिशन’ के तहत उत्तराखंड सरकार की अभिनव पहल हर तरफ सराही जा रही है। राज्य के सुदूर एवं ग्रामीण इलाकों में गरीबों को एक रुपये में पानी का कनेक्शन मिलेगा। अभी तक पानी के कनेक्शन के लिए 2350 रुपये चुकाने पड़ते थे। देश में इस प्रकार की पहल करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक रुपये में पानी का कनेक्शन देने के लिए त्रिवेंद्र सिंह सरकार की जमकर तारीफ कर चुके हैं। हाल ही में उन्होंने एक कार्यक्रम में बताया कि सिर्फ एक साल में दो करोड़ परिवारों तक पीने का साफ पानी पहुंचाया गया है। उत्तराखंड में सिर्फ एक रुपये में पीने के पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है। साल 2022 तक उत्तराखंड के सभी घरों तक पीने के पानी का कनेक्शन पहुंच जाएगा। जल जीवन मिशन ग्राम स्वराज मिशन को भी मजबूत करता है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद भी कहते हैं कि ‘जल जीवन मिशन’ के तहत होने वाले कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता में रखा गया है। हमें ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर में जल पहुंचाना है। इसके लिए प्रत्येक वर्ष का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें पानी की उपलब्धता के साथ ही शुद्धता का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है तथा पानी की गुणवत्ता के साथ सभी क्षेत्रों के लिए इसके तहत पूरा प्लान भी बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री के मुताबिक, राज्य में ‘जल जीवन मिशन’ के तहत आगामी 02 वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में 75 प्रतिशत तक पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। साल 2020 तक 3,58, 880 घरों को इस मिशन के तहत पेयजल उपलब्ध कराने की योजना है। घरों में प्रतिदिन 16 घंटे पेयजल की उपलब्धता के लिए 22 अर्द्धनगरीय क्षेत्रों में कार्य किए जा रहे हैं। इस योजना के तहत 96,797 घरों को लाभान्वित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जल जीवन मिशन को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लक्ष्यों को निर्धारित अवधि में पूरा करना सुनिश्चित करें। हर जिलाधिकारी के पास शाम को यह सूचना होनी चाहिए कि उनके जिले में उस दिन कितने घरों को पानी का कनेक्शन दिया गया। इस सूचना से जिलाधिकारी, शासन को भी नियमित रूप से अवगत कराएं। रोजाना के टॉरगेट तय कर मिशन मोड में काम किया जाए।
क्या है जल जीवन मिशन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को लाल किले की प्राचीर से ‘जल जीवन मिशन’ की घोषणा की थी। केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा देश के प्रत्येक गांव में 2024 तक पीने का पानी पहुंचाने की योजना है। इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए 3.60 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इनमें से 2.08 लाख करोड़ रुपये केंद्र की ओर से दिए जाएंगे, शेष 1.52 लाख करोड़ रुपये का खर्च राज्यों को वहन करना होगा।
इस योजना के तहत प्रत्येक घर में प्रतिव्यक्ति को प्रतिदिन कम से कम 55 लीटर पानी की आपूर्ति होनी है। मौजूदा वित्तीय वर्ष 2020-21 में केंद्र ने राज्यों के लिए 29,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, इनमें से उत्तराखंड की हिस्सेदारी 362.58 करोड़ रुपये है। केंद्र की ओर से राज्यों को कहा गया है कि वे योजना के लक्ष्य को पूरा करने के लिए काम की गति बढ़ाएं और प्रत्येक गांव के लिए विलेज एक्शन प्लान तैयार करें।
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सीएम त्रिवेंद्र का निर्देश, साल के अंत तक हर स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र में पहुंचे पीने का पानी - Hill-Mail |
November 5, 2020, 4:59 pm[…] यह भी देखें – वाह! हर घर में पीने के पानी के लिए उत्तर… […]
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