मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हरेला सुख-समृद्धि व जागरुकता का भी प्रतीक है। पर्यावरण बचाने की संस्कृति की ऐसी सुंदर झलक देवभूमि उत्तराखंड में ही दिखती है। आने वाली पीढ़ी को शुद्ध हवा व वातावरण मिल सके इसके लिए सबको वृक्षारोपण एवं पर्यावरण संरक्षण की ओर ध्यान देना होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को समर्पित ‘हरेला’ पर्व उत्तराखंड की सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक है। यह त्योहार सम्पन्नता, हरियाली और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है।
सीएम धामी ने कहा कि जुलाई एवं अगस्त माह का समय वृक्षारोपण के लिए सबसे उपयुक्त है। हमें अपनी परंपराओं एवं परिवेश को बढ़ावा देना होगा। प्रकृति को महत्व देने की हमारी परंपरा रही है।
"प्रकृति को महत्व देने की हमारी परम्परा रही है। हमें अपनी परम्पराओं एवं परिवेश को बढ़ावा देना होगा। साथ ही आने वाली पीढ़ी को शुद्ध हवा व वातावरण मिल सके, इसके लिए सबको पौधरोपण व पर्यावरण संरक्षण की ओर ध्यान देना होगा" : मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) July 15, 2021
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हरेला सुख-समृद्धि व जागरुकता का भी प्रतीक है। पर्यावरण बचाने की संस्कृति की ऐसी सुंदर झलक देवभूमि उत्तराखंड में ही दिखती है। आने वाली पीढ़ी को शुद्ध हवा व वातावरण मिल सके इसके लिए सबको वृक्षारोपण एवं पर्यावरण संरक्षण की ओर ध्यान देना होगा। ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से आज दुनिया भर के देश चिंतित हैं। यह पर्व ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ लड़ने का संदेश भी देता है।
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हरेला पर उत्तराखंड में कई कार्यक्रम
सीएम धामी 16 जुलाई को हरेला के अवसर पर SDRF वाहिनी जॉलीग्रांट में सुबह नौ बजे होने वाले वृक्षारोपण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी, उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी अशोक कुमार एवं पुलिस विभाग के अन्य उच्चाधिकारी मौजूद रहेंगे।
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