त्रिवेंद्र रहे हैं उत्तराखंड के नए सीएम चुने गए तीरथ सिंह रावत के ‘राजनीति गुरु’

त्रिवेंद्र रहे हैं उत्तराखंड के नए सीएम चुने गए तीरथ सिंह रावत के ‘राजनीति गुरु’

सीएम के लिए तीरथ सिंह रावत का नाम आगे कर त्रिवेंद्र सिंह ने गुरु-शिष्य परंपरा को बरकरार रखा। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ही तीरथ सिंह को संघ की शाखा में लाए। तीरथ सिंह संघ की शाखा में त्रिवेंद्र सिंह रावत से चार साल छोटे थे।

उत्तराखंड में पौड़ी से सांसद तीरथ सिंह रावत को सूबे का नया मुख्यमंत्री चुना गया है। भाजपा विधानमंडल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी है। त्रिवेंद्र सिंह ने तीरथ सिंह के नाम का प्रस्ताव रखा, जो ध्वनिमत से पारित हो गया।

सीएम के लिए तीरथ सिंह रावत का नाम आगे कर त्रिवेंद्र सिंह ने गुरु-शिष्य परंपरा को बरकरार रखा। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ही तीरथ सिंह को संघ की शाखा में लाए। तीरथ सिंह संघ की शाखा में त्रिवेंद्र सिंह रावत से चार साल छोटे थे। सीएम त्रिवेंद्र बताते हैं कि जब वह सुबह जल्दी नहीं उठते थे तो प्यार से डांटकर उन्हें शाखा ले जाता था। त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ वह संगठन मंत्री रहे। दोनों साथ ही प्रचारक रहे। भाजपा ने एक बार फिर कार्यकर्ता को सीएम पद का मौका दिया है।

त्रिवेंद्र सिंह ने ट्वीट कर तीरथ सिंह को बधाई दी और कहा, मेरे छोटे भाई एवं पौड़ी लोकसभा सांसद @TIRATHSRAWAT को उत्तराखंड का नया मुख्यमंत्री चुने जाने पर हार्दिक बधाई। मुझे पूर्ण विश्वास है कि @TIRATHSRAWAT के नेतृत्व में उत्तराखंड का चौमुखी विकास होगा। तीरथ को प्रदेश का मुख्यमंत्री मनोनीत होने की हार्दिक शुभकामनाएं एवं पुनः बधाई।

सीएम पद के लिए चुने जाने के बाद तीरथ सिंह रावत ने त्रिवेंद्र सिंह को अपना बड़ा भाई बताया। साथ ही कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बतौर सीएम जो काम किए हैं, उसे मैं आगे बढ़ाने का काम करूंगा। जो काम उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह ने किया, वह पहले किसी ने नहीं किया है।

तीरथ सिंह रावत की शादी कराने में भी त्रिवेंद्र सिंह रावत की अहम भूमिका रही। उनकी पत्नी डा. रश्मि त्यागी उनकी अखिल भारतीय परिषद की पुरानी सहयोगी हैं। तीरथ सिंह रावत 2013 से 2015 तक उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष रहे। वह हिमाचल प्रदेश के चुनाव प्रभारी भी रहे हैं। एबीवीपी उत्तराखंड के संगठन मंत्री रहे हैं।

अगले साल उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उससे पहले भाजपा ने सीएम का चेहरा बदलकर सियासी दांव खेला है। ऐसे में नए सीएम के सामने बड़ी चुनौतियां होंगी। उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री बनने जा रहे तीरथ सिंह रावत 2012 से 2017 तक भाजपा विधायक रहे हैं। 2000 में उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री बने थे। 2013 में उत्तराखंड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति में अहम भूमिका निभाई। छात्र जीवन से ही उन्होंने राजनीति में कदम रखा था। वह हेमवती नंदन गढ़वाल विश्व विद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष और छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में राज्य उपाध्यक्ष भी थे। वहीं भाजयुमो (उत्तर प्रदेश) के राज्य उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य थे। इसके बाद वह अविभाजित उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य चुने गए और उन्हें विधान परिषद में निर्णय संकलन समिति का अध्यक्ष बनाया गया।

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