उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन की कितनी संभवनाएं हैं, इसका अंदाज इस बात से ही लगाया जा सकता है कि पिछले साल किए गए सर्वे में साहसिक पर्यटन में उत्तराखंड ने गोवा और केरल को भी पीछे छोड़ दिया था। पर्यटन मंत्रालय ने ऋषिकेश को साहसिक पर्यटन की राजधानी घोषित किया था। ऐसे एक नहीं कई गांव और शहर हैं, जो उत्तराखंड का नाम पूरी दुनिया में फैला सकते हैं। इससे सरकार को राजस्व तो मिलेगा ही, लोगों के रोजगार के रास्ते भी खुलेंगे।
पर्यटन के क्षेत्र में स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए उत्तराखंड के पौड़ी जिले में एडवेंचर स्पोर्ट्स में काफी काम हो रहा है। ऐसे में क्लस्टर बेस एप्रोच कितना अहम रोल निभा सकती है, यह पौड़ी की नयार घाटी में देखने को मिला रहा है। पौड़ी में साहसिक खेलों को बढ़ावा देने की मुहिम निरंतर जारी है। पौड़ी जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के बाद की संभावनाओं को अवसर में बदलने के लिए कमर कस ली है। जिला प्रशासन और साहसिक खेल विभाग की ओर से नयार घाटी में राष्ट्रीय स्तर के एडवेंचर स्पोर्ट्स करवाने की तैयारियां की जा रही हैं।
नवंबर महीने में पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग, एडवेंचर स्पोर्ट्स जैसे खेलों का आयोजन करने की योजना है। नयार घाटी एडवेंचर टूरिज्म का बड़ा केंद्र बनने जा रही है। यहां बिलखेत में पैराग्लाइडिंग की स्ट्रिप विकसित की गई है। ट्रेल रनिंग (गांव की पगडंडियो में लगभग 25 किलोमीटर), माउंटेन बाइकिंग, एंगलिंग, हॉट एयर बैलूनिंग, कयाकिंग जैसी गतिविधियां नयार घाटी को पूरे देश मे अलग पहचान देगी।
जिला प्रशासन का प्रयास है कि नयार घाटी में इस तरह के आयोजन लगातार कराए जाएं। इससे पर्यटकों की आवाजाही तो बढ़ेगी ही, स्थानीय लोगों को भी रोजगार से जोड़ा जा सकेगा। नवंबर में एडवेंचर एक्टिविटी फेस्टिवल के आयोजन के लिए सतपुली के समीप बिलखेत में पैराग्लाइडिंग एवं पैरामोटर आदि का ट्रायल, अभ्यास, परीक्षण किया गया। इसमें पैराग्लाइडर्स ने बिलखेत के ऊपरी क्षेत्र ढाढूखाल से पैराग्लाइडिंग कर बिलखेत नयार नदी के तटीय स्थान पर लैंडिंग की। संबंधित विशेषज्ञों द्वारा निरंतर अभ्यास एवं उपयुक्त जगहों का बारीकी से निरीक्षण किया जा रहा है। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि पैराग्लाइडिंग एक्टिविटी के लिए यह सबसे उपयुक्त जगह है।
प्रशासन का अनुमान है कि एडवेंचर एक्टिविटी फेस्टीवल में देश के कोने-कोने से लगभग 100 से अधिक पैराग्लाइडर्स हिस्सा लेंगे। इससे हिमाचल के बिलिंग और पिथौरागढ़ के पैराग्लाइडिंग के क्षेत्र में हुए विकास की तर्ज पर पौड़ी जिले को भी अलग पहचान मिलेगी। पौड़ी के जिला पर्यटन विकास अधिकारी और साहसिक खेल अधिकारी खुशाल सिंह नेगी बताते हैं कि नयार घाटी में पैरामोटर्स एवं पैराग्लाइडिंग के लिए साइट्स तैयार किए जा रहे है। टेकऑफ एवं लैंडिंग के लिए प्वाइंट लगभग बना दिया गया है। हाल ही में ढाढूखाल से बिलखेत तक पैराग्लाइडिंग के ट्रायल में हिमालय एयरो स्पोर्टस एसोसिएशन के पैराग्लाडिंग पायलटों ने लगभग 30 उड़ानें भरीं। सोलो पैरामोटर का ट्रायल बिलखेत से पौड़ी, खिर्सू एवं श्रीनगर आदि क्षेत्रों से होते हुए बिलखेत में लैंडिंग तक किया गया।
कोरोना के बाद पर्यटन का वह क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ेगा जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग रखना आसान होगा और जो लोगों को समझ में भी आएगा। होटल, सामुदायिक केंद्र जैसी भीड़भाड़ वाली जगह से हटकर अगर कुछ किया जाए तो लोग जरूर आएंगे। ग्लाइडिंग में काफी दूरी रहती है, ट्रैकिंग में दूरी का ख्याल रखना होगा। उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार आय और रोजगार के मुख्य स्रोत पर्यटन पर विशेष ध्यान दे रही है। पौड़ी जिला ने मुझे ऐसी जगह चिन्हित करने का काम दिया था, जो पैराग्लाइडर या पैरामोटर ग्लाइडर्स उड़ाने के लिए सबसे सटीक हो और नयार घाटी एक बेहतरीन डेस्टीनेशन है।
– मनीष जोशी, हिमालयन ऐरो स्पोर्ट्स एसोसिएशन
साहसिक पर्यटन के लिए अलग टीम
उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन यानी एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अलग से एक प्रकोष्ठ का गठन करने का विचार है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी के अलावा अलग-अलग साहसिक गतिविधियों के विशेषज्ञों को इसमें जगह मिलेगी। दरअसल, प्रदेश में साहसिक पर्यटन की गतिविधियां अभी उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के द्वारा संचालित की जाती हैं। अलग प्रकोष्ठ सिर्फ साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कार्य करेगा। रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, पर्वतारोहण, ट्रैकिंग, कैंपिंग, माउंटेन बाइकिंग समेत कई साहसिक खेलों के प्रति आकर्षित होकर आने वाले पर्यटकों को अब ज्यादा सुविधा मिलेगी।
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