शहीद राजेंद्र सिंह नेगी को अंतिम विदाई दे रहा उत्तराखंड, सीएम त्रिवेंद्र बोले, पत्नी को देंगे सरकारी नौकरी

शहीद राजेंद्र सिंह नेगी को अंतिम विदाई दे रहा उत्तराखंड, सीएम त्रिवेंद्र बोले, पत्नी को देंगे सरकारी नौकरी

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने शहीद राजेंद्र सिंह के माता-पिता, पत्नी और दूसरे परिजनों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि शहीद को सम्मान देने के साथ-साथ राज्य सरकार उनकी पत्नी को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी देगी।

11वीं गढ़वाल राइफल्स के शहीद हवलदार को बृस्पतिवार को अंतिम विदाई दी जा रही है। सुबह 7.30 बजे शहीद का पार्थिव शरीर यहां प्रेमनगर अंबीवाला स्थित उनके आवास पर लाया गया। जहां शहीद के परिजनों ने शहीद के अंतिम दर्शन किए। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी शहीद राजेंद्र सिंह नेगी के घर पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की। सेना के अधिकारियों, पूर्व सैनिकों, स्थानीय प्रतिनिधियों और बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने भी उत्तराखंड के सपूत को नमन किया। शहीद का अंतिम संस्कार हरिद्वार में होगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने शहीद राजेंद्र सिंह के माता-पिता, पत्नी और दूसरे परिजनों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि शहीद को सम्मान देने के साथ-साथ राज्य सरकार उनकी पत्नी को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी देगी।

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इसके बाद, मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए शहीद हुए हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी जी की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मैं भरोसा देता हूं कि राज्य सरकार शहीद के परिवारजनों के साथ हर समय खड़ी है और अपने कर्तव्य का पूर्णतः निर्वहन करेगी।

 

शहीद की पार्थिव देह विशेष विमान से बुधवार देर रात श्रीनगर से देहरादून लाई गई थी। सुबह इसे अंतिम दर्शनों के लिए उनके आवास पर लाया गया।

जम्म-कश्मीर में तैनात रहे 11 गढ़वाल राइफल्स के हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी का शव उत्तरी कश्मीर के बारामुला में स्थित गुलमर्ग इलाके से मिला। आठ जनवरी 2020 को नियंत्रण रेखा के समीप ड्यूटी देते समय हिमस्खलन की चपेट में आने पर वह लापता हो गए थे। शुरुआत में यह भी कहा गया कि वह पाकिस्तान की सीमा की तरफ गिर गए हैं। बचाव दल द्वारा कई दिनों तक तलाशी अभियान चलाने के बावजूद उनका कुछ पता नहीं चल पाया था। इसके बाद सेना ने मई 2020 में उन्हें ‘बैटल कैजुएल्टी’ घोषित कर दिया था। हालांकि परिजनों की मांग के चलते उनकी तलाश का काम जारी रखा गया। 15 अगस्त को सेना ने परिजनों को उनका शव खोजे जाने की सूचना दी।

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