लॉकडाउन 3.0 शुरू हो चुका है। उत्तराखंड पुलिस ने पिछले डेढ़ महीनों में सेवाभाव का जो उदाहरण प्रस्तुत किया है, उसकी हर जगह तारीफ हो रही है। 4 अप्रैल को ई-रैबार में लाइव जुड़े उत्तराखंड पुलिस के डीजी (कानून व्यवस्था) तो उनसे लॉकडाउन को लेकर विस्तार से चर्चा हुई और उन्होंने कई अहम जानकारियां शेयर कीं।
हिल मेल की खास पेशकश ‘ई-रैबार’ की लाइव चर्चा में सोमवार को हमारे मेहमान थे उत्तराखंड पुलिस के डीजी (कानून-व्यवस्था) अशोक कुमार और एयर मार्शल एमएस बुटोला, डीजी, मेडिकल सर्विसेज (वायु सेना)। वरिष्ठ पत्रकार अनुराग पुनेठा और मशहूर आरजे काव्य ने उनसे कोरोना, लॉकडाउन, घर वापसी और क्वारंटीन समेत तमाम मुद्दों पर सवाल पूछे।
किसी को नहीं पता था ये लॉकडाउन क्या होता है…
कोरोना को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन लागू करने में क्या मुश्किलें आईं? इस सवाल पर उत्तराखंड के डीजी अशोक कुमार ने कहा कि यह अनुभव तो बिल्कुल अभूतपूर्व रहा है क्योंकि यह ऐसी ड्यूटी थी जिसके बारे में किसी को नहीं पता था। जनता और पुलिस दोनों को नहीं पता था कि लॉकडाउन आखिर क्या होता है। लेकिन पहले दिन हमने समझ लिया था कि इसे कर्फ्यू की तरह लागू नहीं कराना है।
उन्होंने कहा कि कर्फ्यू को लेकर हम सोचते हैं कि कोई निकला तो कहीं दंगा न हो जाए इसलिए उस हालात में काफी सख्ती से निपटते हैं। उस समय जीरो टॉलरेंस के साथ हम उसे लागू करते हैं लेकिन यहां स्थिति अलग थी, यहां संक्रमण की आशंका थी। पता था कि लॉकडाउन लंबा चल सकता है तो हमने मानवीयता के साथ इसका पालन करवाने का फैसला किया।
पुलिस ने हाथ जोड़कर लोगों से पालन करवाया..
DG ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस ने हाथ जोड़कर लोगों से लॉकडाउन का पालन करने को कहा। एक चुनौती थी कि इस लॉकडाउन में उन लोगों को खाने-पीने की दिक्कत हो रही थी, जो दिहाड़ी मजदूर थे। रोजाना आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की श्रृंखला न टूटे, इसे भी सुनिश्चित करना था। इन सबके साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी हो। इसके अनुपालन में नए-नए रास्ते निकाले गए।
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1445 जमाती किए गए हैं क्वारंटीन
उन्होंने कहा कि तीसरा स्टेज आया जमातियों का। वह काफी संवेदनशील इलाका था क्योंकि वहां संक्रमण की दर काफी ज्यादा थी। जो लोग निजामुद्दीन गए थे, उनसे संबंधित संक्रमण के 1445 जमाती मिले हैं, जिनकी पहचान की गई और उन्हें क्वारंटीन किया गया।
अशोक कुमार ने बताया कि 270 लोग ऐसे हैं जो दूसरे राज्यों में गए थे और वापस नहीं लौटे और वहीं पर क्वारंटीन हैं, 513 ऐसे हैं जो दूसरे स्टेट के हैं और हमारे यहां क्वारंटीन हैं। इसमें से 41 लोग पॉजिटिव निकले हैं। अब इसके बाद प्रवासी कामगारों को लेकर चुनौती पैदा हो गई है। एक दिन पहले जो दिशानिर्देश मिले हैं, उसके अनुसार सिर्फ फंसे हुए लोगों को निकालना है, बाकियों को नहीं।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन 3.0 में कुछ ढील दी गई है, बाकी दुकानों पर तो स्थिति ठीक थी पर शराब की दुकानों पर काफी भीड़ देखी गई है। IPS अफसर ने उम्मीद जताई कि मंगलवार से स्थिति सुधर जाएगी और ऐसी भीड़ अब नहीं होगी।
एयर मार्शल बुटोला से समझिए एयरफोर्स ने क्या की तैयारी
शो में लाइव जुड़े एयर मार्शल एमएस बुटोला ने कहा कि जब से लॉकडाउन शुरू हुआ था, हमें यह आदेश मिला था कि हमें क्षमता बढ़ानी है और हमें सिविल आबादी के लिए भी कुछ सर्विसेज ओपन करनी है। उसी समय से तीनों सेनाओं ने देश में 51 अस्पताल सिविल आबादी के इलाज के लिए खोले और वे कोविड अस्पताल कहलाए। उसमें से 9 हजार बिस्तर आम लोगों के लिए तैयार किए। एयरफोर्स ने करीब 9 जगहों पर क्वारंटीन सेंटर बनाए गए।
पूरा शो देखने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें…
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2 comments
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ठेकों पर उमड़ रही भीड़, उत्तराखंड में भी महंगी हो सकती है शराब - Hill-Mail | हिल-मेल
May 5, 2020, 12:05 pm[…] […]
REPLYई-रैबार : एयर मार्शल बुटोला ने कोरोना पर बताई चौंकाने वाली बात - Hill-Mail | हिल-मेल
May 5, 2020, 1:12 pm[…] […]
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