उत्तराखंड का नाम लेते ही पवित्रता, आस्था, धर्म और योग का आभास होता है। ऐसे में यहां कई सैलानी आ रहे हैं, जो देवभूमि में मर्यादा को भंग कर रहे हैं। ऐसे ही लोगों को मर्यादा में रहने का पाठ पढ़ाने के लिए पुलिस ने ऑपरेशन मर्यादा शुरू किया है। हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगाघाटों पर पुलिसकर्मियों की टीम तैनात रहती है। किसी भी प्रकार की अश्लीलता, गंगा के किनारे हुक्का, बर्थडे पार्टी जैसे आयोजनों पर पूरी तरह से अंकुश लगाया गया है। वहीं राज्य भर में पुलिस एक्टिव होकर हुड़दंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
देवभूमि उत्तराखंड में धार्मिक आस्था के खिलाफ जाकर हुड़दंग करने वालों को ध्यान में रखकर शुरू किया गया ‘ऑपरेशन मर्यादा’ काफी चर्चा में है। 15 जुलाई से शुरू इस अभियान के तहत अलग-अलग जिलों में चालान काटे गए और लोगों की गिरफ्तारियां भी हुईं। हिल-मेल ने करीब एक महीने से चल रहे इस ऑपरेशन की विस्तार से पड़ताल की है।
क्यों हुई ऑपरेशन मर्यादा की शुरुआत
कोरोना काल में जुलाई महीने की शुरुआत में उत्तराखंड में जैसे ही थोड़ी सी छूट मिली, सैलानियों की कई हैरान और परेशान करने वाली तस्वीरें सामने आईं। हरिद्वार में आस्था के सबसे बड़े केंद्र हर की पैड़ी पर हुक्का, मदिरा पीने, बर्थडे केक काटने और तेज आवाज में म्यूजिक बजाने की घटनाएं सामने आईं। यही नहीं ऋषिकेश में भी ऐसी शिकायतें सामने आईं कि यहां पहुंच रहे सैलानी घाटों पर शराब पीकर हुड़दंग कर रहे हैं। यह सिलसिला हरिद्वार-ऋषिकेश में थमता नजर नहीं आया, मसूरी, नैनीताल और पहाड़ के कई दूसरे हिस्सों से ऐसी शिकायतें मिलने लगी कि लोग यहां आकर हुड़दंग कर रहे हैं। इसी को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने ऑपरेशन मर्यादा शुरू किया।
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि तीर्थ यात्रियों का देवभूमि में स्वागत है, लेकिन पिछले दिनों सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो वायरल हुए, जिससे देवभूमि की मर्यादा पर आघात पहुंचा है इसीलिए ऑपेरशन मर्यादा की शुरुआत की गई। पुलिस महानिदेशक का कहना है कि उत्तराखंड में आने वाले लोगों से यही अनुरोध है कि वे यहां की समृद्ध संस्कृति, मां गंगा और प्रकृति का सम्मान करें। तीर्थ स्थलों और गंगा किनारों पर हुड़दंग, मादक पदार्थों का सेवन न करें। पर्यटक स्थलों पर गंदगी करना मर्यादित आचरण नहीं है।
इसके बाद पुलिस ने उत्तराखंड में कूड़ा फेंकने और थूकने के नियमों के उल्लंघन, कोटपा अधिनियम, धारा 81/83 उत्तराखंड पुलिस एक्ट, आबकारी अधिनियम, जुआ अधिनियम, एनडीपीएस एक्ट, 292,294,295 आईपीसी, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट, सीआरपीसी की धारा 151 के तहत कार्रवाई करना शुरू किया।
हिल-मेल के पास उपलब्ध 11 अगस्त तक के आंकड़ों के मुताबिक, कूड़ा फेंकने और थूकने के नियमों के उल्लंघन पर प्रदेश में कुल 465 चालान काटे गए, 132 लोगों को गिरफ्तार किया गया। कोटपा अधिनियम (होस्टल, रेस्टोरेंट, शैक्षणिक संस्थानों, कार्यालयों में धूम्रपान) के तहत 2491 चालान कटे और 1,33,320 रुपये वसूले गए। धारा 81/83 उत्तराखंड पुलिस एक्ट में कुल 3894 चालान कटे और 954 गिरफ्तारी हुई। इसी तरह आबकारी अधिनियम में 71 एफआईआर और जुआ अधिनियम में 8 एफआईआर हुई। इसी तरह अलग-अलग एक्ट में कुल 7100 से ज्यादा लोगों के विरुद्ध कार्यवाही की गई और 1332 लोग गिरफ्तार किए गए। इन लोगों से 13,41,620 रुपये का जुर्माना भी वसूला गया।
इस ऑपरेशन के तहत जहां पौड़ी, नैनीताल और स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित हो रहे देहरादून में सबसे ज्यादा चालान कूड़ा फेंकने और थूकने के नियमों के उल्लंघन, कोटपा अधिनियम तथा उत्तराखंड पुलिस एक्ट की धारा 81/83 के तहत हुए, वहीं हरिद्वार में 16 जुलाई से 11 अगस्त के बीच 51 लोगों को सीआरपीसी की धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया गया। पौड़ी में 16 और नैनीताल में 17 और चमोली में तीन लोग गिरफ्तार किए गए। पौड़ी में कूड़ा फेंकने और थूकने को लेकर 132, देहरादून में 67 और नैनीताल में 266 चालान हुए। वहीं कोटपा अधिनियम में टिहरी में 1476, पौड़ी में 118, देहरादून में 325 और नैनीताल में 197 चालान किए गए। उत्तराखंड पुलिस एक्ट की धारा 81/83 के तहत पौड़ी में 739, देहरादून में 1256, हरिद्वार में 416, टिहरी में 356, बागेश्वर में 189, चंपावत में 171, रुद्रप्रयाग में 125, नैनीताल में 492 और उत्तरकाशी में 47 चालान किए गए।
ऑपरेशन मर्यादा के जरिए लोगों को मर्यादा याद भी दिलाई जा रही है। साथ ही जो लोग धार्मिक स्थल पर शराब पीते हैं, सिगरेट पीते हैं और हुड़दंग मचाते हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। धार्मिक स्थल पर कचरा फैलाने वालों के खिलाफ भी सख्ती बरती जा रही है।
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