पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम और बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों के तीखे विरोध के मद्देनजर राज्य सभा के पूर्व सदस्य मनोहरकांत ध्यानी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की थी। सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड के संबंध में गठित मंत्रिमंडलीय उप समिति की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी।
उत्तराखंड में बहुचर्चित देवस्थानम बोर्ड को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने भंग कर दिया है। देवस्थानम बोर्ड पर गठित उच्च स्तरीय समिति एवं मंत्रिमंडलीय उप समिति की रिपोर्ट के बाद सरकार ने देवस्थानम बोर्ड भंग करने का फैसला किया है। सीएम धामी ने ट्वीट कर कहा, आप सभी की भावनाओं, तीर्थपुरोहितों, हक-हकूकधारियों के सम्मान एवं चारधाम से जुड़े सभी लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए मनोहर कांत ध्यानी जी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने देवस्थानम बोर्ड अधिनियम वापस लेने का फैसला किया है।
आप सभी की भावनाओं, तीर्थपुरोहितों, हक-हकूकधारियों के सम्मान एवं चारधाम से जुड़े सभी लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए श्री मनोहर कांत ध्यानी जी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने देवस्थानम बोर्ड अधिनियम वापस लेने का फैसला किया है। pic.twitter.com/eUH3Tf1go1
— Pushkar Singh Dhami (Modi Ka Parivar) (@pushkardhami) November 30, 2021
दो साल पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के समय चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अस्तित्व में आया था। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने वर्ष 2019 में श्राइन बोर्ड की तर्ज पर चारधाम देवस्थानम बोर्ड बनाने का फैसला लिया था। तीर्थ पुरोहितों के विरोध के बावजूद सरकार ने सदन से विधेयक पारित कर अधिनियम बनाया। सरकार का तर्क था कि बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम समेत 51 मंदिर बोर्ड के अधीन आने से यात्री सुविधाओं के लिए अवस्थापना विकास होगा।
राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत ने भी जनभावनाओं के अनुरूप देवस्थानम बोर्ड निर्णय लेने की बात कही थी, लेकिन उनके कार्यकाल में देवस्थानम बोर्ड पर सरकार आगे नहीं बढ़ पाई। फिर नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम और बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों के तीखे विरोध के मद्देनजर राज्य सभा के पूर्व सदस्य मनोहरकांत ध्यानी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की थी। बीते रोज समिति ने अपनी अंतिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री धामी को सौंपी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने समिति की रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की। समिति के अन्य सदस्यों में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल व स्वामी यतीश्वरानंद शामिल किए गए। उपसमिति को दो दिन के भीतर संस्तुति सहित परीक्षण रिपोर्ट देने को कहा गया था। सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड के संबंध में गठित मंत्रिमंडलीय उप समिति की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी।
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