गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, पंतनगर, वर्ष 1960 में स्थापित देश का प्रथम विश्वविद्यालय, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित डा. नॉरमन ई बोरलॉक के शब्दों में ‘हरित क्रांति की जननी’ अपनी स्थापना के 62 वर्ष पूरे होने पर 63वें स्थापना दिवस के अवसर पर 11-17 नवम्बर, 2022 के मध्य स्थापना सप्ताह धूम-धाम से मनाया। पूरे सप्ताह के दौरान विभिन्न शैक्षणिक एवं सांस्कृति कार्यक्रमों के साथ-साथ एलूमिनाई मीट का भी आयोजन किया गया। इस दौरान गणमान्य विभूतियां जैसे पद्मभूषण डा. अनिल प्रकाश जोशी, पद्मश्री प्रेमचन्द्र शर्मा तथा पद्मश्री डा. माधुरी बर्थवाल ने अपने अनुभवों से विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों, कर्मियों तथा विद्यार्थियों का ज्ञान वर्धन किया।
पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय में 11 नवम्बर, 2022 को पद्मश्री प्रेमचन्द्र शर्मा, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ायी। उनके द्वारा जैविक खेती तथा कृषि में विविधिकरण के ऊपर बल दिया गया। उन्होंने कहा कि किसान अधिक उपज प्राप्त करने हेतु अपने खेतों में कीटनाशक का उपयोग अधिक कर रहे हैं, जिस कारण देश में कैंसर के मरीज एवं अन्य बीमारियों से ग्रसित होने वालों की संख्या निरन्तर रूप से बढ़ रही है। विशिष्ट अतिथि, डा. अलिन मुखर्जी ने विद्यार्थियों से कहा कि हमें आपस में ताल-मेल बैठा कर कार्य करने की जरूरत है, जिससे हम अधिक जानकारी प्राप्त कर सकें तथा उन्होंने अनुभवों को सभी के साथ साझा किया।
उद्घाटन सत्र के अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान ने विद्यार्थियों को स्थापना सप्ताह के दौरान आयोजित किये जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी करने के लिए सुझाव दिया तथा आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर शोध करने पर उनके द्वारा बल दिया गया साथ ही सुदुर पहाड़ी क्षेत्रों में भी आधुनिक तकनीकों को पहुचाने हेतु सुझाव दिया गया जिससे कि उनका उपयोग कर पहाड़ी क्षेत्रों के कृषक अपने फसल की अधिक उपज पैदा कर लाभान्वित हो सकें।
कुलसविच डा. ए.के. शुक्ला ने गॉधी हॉल में उपस्थित सभी लोगों का स्वागत करते कहा कि विश्वविद्यालय को 62 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में स्थापना सप्ताह कार्यक्रम के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि हमारे विद्यार्थी देश में ही नहीं अपितु विदेशों में भी इस विश्वविद्यालय का नाम रोशन कर रहे हैं। अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय डा. एस.के. कश्यप ने विश्वविद्यालय स्थापना दिवस मनाये जाने की सार्थकता पर प्रकाश डालते हुए प्रथम दीक्षांत समारोह के अवसर पर डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के द्वारा कही गयी बातों को याद दिलाते हुए उनके सम्बोधन ’’देश के किसानों के लिए इस विश्वविद्यालय का द्वार हमेशा खुला होना चाहिए’’ के महत्व को उजागर किया। डा. जे.पी. जायसवाल, प्राध्यापक एवं स्थापना सप्ताह कार्यक्रम के नोडल अधिकारी द्वारा पूरे सप्ताह के दौरान आयोजित किये जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की तिथिवार विस्तृत रूप-रेखा प्रस्तुत की गयी।
12 नवम्बर, 2022 को ’भारत जनसंख्या लाभांस को भुनाने में असफल हो रहा है’ विषय पर हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषा में इंटर कॉलेजिएट यूनिवर्सिटी वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के सभी महाविद्यालयों से हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषा में पक्ष एवं विपक्ष में 16-16 विद्यार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। निर्णायक मंडल द्वारा हिन्दी एवं अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में वाद-विवाद की गुणवत्ता के आधार पर तीन विद्यार्थियों का चयन कर उनको पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति, डा. मनमोहन सिंह चौहान उपस्थित थे और उनके द्वारा प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया गया।
13 नवम्बर, 2022 को विश्वविद्यालय के गॉधी हॉल में बैंड शो का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पद्मश्री डा. माधुरी बर्थवाल मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ायी। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा बहुत ही रूचिकर कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये और गॉधी हॉल दर्शकों के तालियों से गूजंता रहा। इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में प्रचलित लोकगीतों तथा उनमें निहित संदेशों की भावभीनी प्रस्तुति की गयी जिससे गांधी हॉल में उपस्थित सभी लोग भावविभोर हो गये। डा. मनमोहन सिंह चौहान द्वारा विश्वविद्यालय के विद्याथि्र्ायों तथा मुख्य अतिथि द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमों की भूरी-भूरी प्रशंसा की गयी और लोकगीतों के सजीवता को बनाये रखने के लिए विद्यार्थियों का आवाह्न किया गया।
14 नवम्बर, 2022 को अठारहवां भारत रत्न पंडित गोविन्द बल्लभ पंत स्मृति व्याख्यान माला का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से सम्पन्न किया गया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में सुप्रसिद्भ वातावरणविद पद्मश्री एवं पदमभूषण डा. अनिल प्रकाश जोशी द्वारा शिक्षकों एवं छात्रों को संबोधित करते हुए पर्यावरण से होने वाले नुकसान एवं उनके निदान के बारे में बताया गया। डा. जोशी द्वारा वृक्षों के अंधा-धुंध कटाव के ऊपर गहरी चिंता व्यक्त की गयी तथा उससे होने वाले नुकसान जैसे ग्लेशियर के पिघलने, बाढ़ आने तथा ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन आदि महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डा. मनमोहन सिंह चौहान ने द्वारा विश्वविद्यालय स्तर से पर्यावरण संरक्षण पर किये जाने वाले राज्य एवं देशहित में कार्यक्रमों में पूर्ण सहयोग देने की बात कहीं, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण का संरक्षण किया जा सके एवं पर्वतीय क्षेत्रों में होने वाले नुकसान के प्रभाव को रोका जा सके।
15 नवम्बर, 2022 को कृषि महाविद्यालय के 1972 बैच के छात्र (एल्यूमिनाई) अपनी स्वर्ण जयंती को मनाने हेतु विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर स्थित यूनिवर्सिटी सेन्टर से अति हर्षोल्लास तथा गाजे-बाजे के साथ चलते हुए कृषि महाविद्यालय के प्रांगण में उपस्थित हुए। ये लोग पचास वर्ष पूर्व विश्वविद्यालय में विद्यार्थी के रूप में आए थे और अब सभी लोग सेवानिवृत्त हो गए हैं फिर भी उनका उत्साह देखने योग्य था। इस अवसर पर लगभग 70 एल्यूमिनाई अपने परिवार सहित एल्यूमिनाई मीट में प्रतिभाग किये।
डा. बी.बी. सिंह मीनी आडिटोरियम में उनकी उपस्थिति के दौरान विश्वविद्यालय के विद्यार्थी एवं संकाय सदस्य भारी संख्या में उपस्थित होकर उनका स्वागत किये। आयोजित कार्यक्रम में पूर्व विद्यार्थियों ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते समय हुए भावुक हो गये। कार्यक्रम के अध्यक्ष विश्वविद्यालय के डा. मनमोहन सिंह चौहान पूर्व विद्यार्थियों द्वारा उनके गोल्डन जुबली वर्ष में विश्वविद्यालय में आने के लिए धन्यवाद दिया तथा प्रसन्नता व्यक्त की और अपेक्षा की कि इसी तरह अन्य एल्यूमिनाई भी विश्वविद्यालय से निरन्तर संपर्क बनाएं रखेंगे।
16 नवम्बर, 2022 को पूर्व छात्रों का संगठन (अल्मामेटर एल्यूमिनाई एडवांसमेंट एसोसिएसन-4ए) द्वारा यूनिवर्सिटी सेंटर (नाहेप भवन) में ‘एल्यूमिनी मीट 2022 तथा ’’एल्यूमनी -द अल्टिमेट स्ट्रेन्थ आफ अल्मामेटर’’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अन्य एल्यूमिनाई के साथ 1972 बैच के एल्यूमिनाई अपने परिवार सहित प्रतिभाग किये। एल्यूमिनाई मीट कार्यक्रम में पूर्व विद्यार्थियों ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए अपनी अल्मामेटर से सदैव जुड़े रहने की बात कही।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के डा. मनमोहन सिंह चौहान; विशिष्ट अतिथि प्रथम बैच (1960) के छात्र एवं पूर्व अधिष्ठाता, विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय डा. जी.के. गर्ग; 1966 बैच के छात्र ई. एम.के. अग्रवाल, जोकि 4ए के उपाध्यक्ष भी है तथा 1972 बैच के प्रतिनिधि, डा. मुकेश गौतम एवं डा. बी.के. सिंह तथा प्राध्यापक एवं सचिव 4ए डा. जे.पी. जायसवाल मंचासीन थे।
कुलपति डा. मनमोहन सिंह पूर्व विद्यार्थियों को गोल्डन जुबली वर्ष में विश्वविद्यालय में आने के लिए धन्यवाद दिया तथा उनके अपनी अल्मामेटर के प्रति लगाव पर सन्तोष व्यक्त किया। कार्यशाला के दौरान विभिन्न एल्यूमिनाई ने अल्मामेटर के सुदृद्धिकरण के सन्दर्भ में एल्यूमिनाई की प्रासंगिकतता पर प्रकाश डाला और 4ए संगठन को और सुदृढ़ करने पर बल दिया।
16 नवम्बर, 2022 को गॉधी हॉल में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों के विद्यार्थी एवं 1972 बैच के एल्यूमिनाई द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों को प्रस्तुत किया गया। गॉधी हॉल में उपस्थित सभी लोग इन प्रस्तुतियों से आनंदविभोर हुए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के डा. मनमोहन सिंह चौहान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे तथा उनके द्वारा विद्यार्थियों एवं पूर्व छात्रों द्वारा प्रस्तुत किये गये सांस्कृति कार्यक्रमों पर प्रसन्नता व्यक्त की गई।
17 नवम्बर, 2022 को विश्वविद्यालय के स्टेडियम पर भारी संख्या में उपस्थित विद्यार्थियों एवं संकाय सदस्यों की उपस्थिति में विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान द्वारा ’रन फार यूनिवर्सिटी’ का शुभारम्भ किया गया। तदोपरान्त स्थापना सप्ताह समारोह का समापन कार्यक्रम गॉधी हॉल में आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में मिसाइल वैज्ञानिक, डा. अरूण तिवारी ऑनलाइन उपस्थित थे। कुलसचिव डा. ए.के. शुक्ला, अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डा. बृजेश सिंह एवं प्राध्यापक एवं सचिव एल्यूमिनाई एसोसिएसन (4ए) तथा स्थापना दिवस सप्ताह के नोडल अधिकारी डा. जे.पी. जायसवाल मंचासीन थे। इस अवसर पर कृषि मंत्री उत्तराखंड, गणेश जोशी का संदेश डा. जे.पी. जायसवाल द्वारा सभागार में प्रस्तुत किया गया।
कुलपति डा. मनमनोहन सिंह चौहान अपने सम्बोधन में विद्यार्थियों एवं संकाय सदस्यों का आह्वान करते हुए संदेश दिया कि विश्वविद्यालय को सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय बनाने के लिए हम सभी को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी विश्वविद्यालय का नाम अलंकृत कर रहे हैं।
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