विश्वविद्यालय फार्म द्वारा हर वर्ष धान एवं गेंहू के उत्पादन में 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि की जा रही है। धान एवं गेंहू देश की प्रमुख फसलें है जिसका उपयोग देश की 90 प्रतिशत आबादी द्वारा किया जा रहा है इसलिए इनके उत्पादन में लगातार वृद्वि किया जाना आवश्यक है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान द्वारा विश्वविद्यालय फार्म के बेनी प्रक्षेत्र पर आज प्रातः धान की रोपाई का शुभारम्भ विधिविधान के साथ किया गया। इस अवसर पर कुलपति ने बताया कि धान रोपण का कार्य विश्वविद्यालय फार्म में प्रारम्भ कर दिया गया है। इस वर्ष मानसून पहले आने की संभावना के कारण धान की रोपाई का कार्य पूर्व वर्ष की तुलना में जल्द प्रारम्भ कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय फार्म द्वारा हर वर्ष धान एवं गेंहू के उत्पादन में 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि की जा रही है। उन्होंने कहा कि धान एवं गेंहू देश की प्रमुख फसलें है जिसका उपयोग देश की 90 प्रतिशत आबादी द्वारा किया जा रहा है इसलिए इनके उत्पादन में लगातार वृद्वि किया जाना आवश्यक है।
विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित नई किस्मों एवं उत्पादन तकनीकों को कृषकों के पास पहुंचाया जा रहा है जिससे कि वे अधिक से अधिक उत्पादन कर अपनी भूमि से अच्छा लाभ प्राप्त कर सके। विश्वविद्यालय का विभिन्न फसलों के बीज उत्पादन तथा देश में खाद्यान्न के उत्तरोत्तर वृद्धि में अग्रणी भूमिका रही है। पन्तनगर विश्वविद्यालय हमेशा किसानों के लिए समर्पित है। उनके द्वारा मुख्य महाप्रबंधक फार्म डॉ. जयन्त सिंह एवं उनकी टीम के सभी सदस्यों तथा श्रमिकों द्वारा किये जा रहे परिश्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा की गई।
इस अवसर पर अधिष्ठाता प्रौद्योगिकी महाविद्यालय डॉ. एस.एस. गुप्ता, निदेशक शोध डॉ. ए.एस. नैन, निदेशक संचार डॉ. जे.पी. जायसवाल, निदेशक विधि डॉ. टी.पी. सिंह, महाप्रबंधक (तकनीकी) डॉ. परविन्दर सिंह, महाप्रबंधक (फार्म) डॉ. अजय प्रभाकर, इंजीनियर विकेश तथा अन्य अधिकारी एवं कृषि श्रमिक उपस्थित थे।
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