एक महीने से लद्दाख में चीन के सैनिकों की हरकत ने दोनों देशों के बीच तनाव को भड़का दिया है। बीती रात दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई है। इसमें तीन भारतीय जांबाजों की मौत की सूचना है, जिसके बाद से देशभर में चीन को लेकर गुस्सा देखा जा रहा है।
लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच जारी तनातनी ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया है। गलवान घाटी में चीनी सैनिकों को पीछे भेजने की प्रक्रिया चल रही थी कि बीती रात हिंसक झड़प हो गई, जिसमें जानें भी चली गईं। भारत की तरफ से एक अफसर और 2 जवानों की शहादत हुई है। भारतीय सेना ने बयान जारी कर कहा है कि दोनों पक्षों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी इस समय हालात को शांत करने के लिए वहीं पर वार्ता कर रहे हैं। उधर, चीन की ओर से पांच सैनिकों के मारे जाने और 11 अन्य के घायल होने का दावा किया गया है।
इस घटना के बाद रक्षा मंत्री ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की। पीएम मोदी को भी घटना के बारे में जानकारी दी गई है।
During de-escalation process in Galwan Valley, a violent face-off took place last night with casualties. The loss of lives on Indian side includes an officer & 2 soldiers. Senior military officials of the two sides are currently meeting at the venue to defuse the situation: Army pic.twitter.com/Z3y9ocQu26
— ANI (@ANI) June 16, 2020
उधर, चीन के विदेश मंत्रालय ने इस झड़प का दोष पूरी तरह से भारतीय सेना पर डालने की कोशिश की। उसने कहा कि सोमवार को भारतीय सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का उल्लंघन किया। उन्होंने चीन के क्षेत्र में घुस कर चीनी सैनिकों पर हमला किया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत और चीन सीमा विवाद को सुलझाने और एलएसी पर शांति बहाली के लिए सहमत हैं।
आपको बता दें कि 5 मई से ही चीन और भारत के सैनिक आमने-सामने थे। कई दौर की सैन्य वार्ता हो चुकी थी और कल भी वार्ता हुई थी लेकिन बीती रात की इस घटना ने दोनों देशों के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है।
भारत में पिछले एक महीने से चीन के खिलाफ गुस्सा देखा जा रहा था। भारत की तरफ से सैन्य अधिकारी स्तर पर वार्ता चल रही थी। इससे पहले बॉर्डर के हालात को स्पष्ट करने को लेकर मांग की गई थी जिस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि देशवासी आश्वस्त रहें भारत के आत्मसम्मान पर चोट नहीं पहुंचेगी और बॉर्डर के हालात के बारे में वह संसद में बयान देंगे।
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