भारत-कजाकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास के दौरान आज हथियारों और उपकरणों का प्रदर्शन, हथियारों का संचालन और उसके बाद सैनिकों के लिए फायरिंग का आयोजन किया गया।
भारत-कजाकिस्तान संयुक्त अभ्यास काज़िंद का 08वां संस्करण 30 सितंबर 2024 से सूर्या फॉरेन ट्रेनिंग नोड औली, उत्तराखंड में चल रहा है। जिसमें 120 जवानों वाली भारतीय टुकड़ी का प्रतिनिधित्व कुमाऊं रेजिमेंट द्वारा किया जा रहा है। भारतीय वायु सेना के साथ-साथ सहायक शस्त्र और सेवाओं के जवान भी इसमें भाग ले रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र जनादेश के अध्याय 7 के तहत संयुक्त उप पारंपरिक संचालन आयोजित करने के दौरान हथियारों और उपकरणों का प्रदर्शन, हथियारों का संचालन और उसके बाद सैनिकों के लिए फायरिंग का आयोजन किया गया।
भारतीय दल के सैनिकों ने हथियार और उपकरण प्रदर्शन के दौरान कजाकिस्तान दल के सैनिकों के साथ अपनी विशेषज्ञता और अनुभव साझा किया। अभ्यास के दौरान परिचालन कार्य के प्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता प्रदर्शित की गई। जिसमें हथियारों के गहन प्रशिक्षण सत्र और विभिन्न प्रकार की सामरिक फायरिंग का अभ्यास शामिल रहा।
अभ्यास काज़िंद-2024 का केडिया उद्देश्य तालमेल और अंतरसंचालनीयता को बढ़ाने और ‘क्लोज क्वार्टर बैटल’ में सामरिक सुस्पष्टता सुनिश्चित करना है।
भारत-कजाकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास 30 सितम्बर को शुरू हुआ और यह 13 अक्टूबर 2024 तक आयोजित किया जायेगा। संयुक्त अभ्यास के उद्घाटन समारोह में कजाकिस्तान के कर्नल करिबयेव नुरलान सेरिकबायविच कमांडर कजाकिस्तान कान्टीन्जेन्ट और कर्नल योगेश उपाध्याय, कमांडर भारतीय कान्टीन्जेन्ट ने भाग लिया। काजिन्द अभ्यास भारत और कजाकिस्तान में वैकल्पिक रूप से आयोजित एक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है। अंतिम संस्करण जुलाई 2023 में कजाकिस्तान में आयोजित किया गया था।
काजिन्द-2024 अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र जनादेश के अध्याय सात के तहत आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने के लिए दोनों पक्षों की संयुक्त सैन्य क्षमता को बढ़ाना है। संयुक्त अभ्यास अर्द्व-शहरी और पहाड़ी इलाकों में संचालन पर केंद्रित होगा। संयुक्त प्रशिक्षण से प्राप्त किए जाने वाले उद्देश्यों में उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, सामरिक स्तर पर संचालन के लिए अभ्यास और परिष्कृत अभ्यास और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना शामिल है।
अभ्यास के दौरान किए जाने वाले सामरिक प्रशिक्षण में एक परिभाषित क्षेत्र पर कब्जा करने की आतंकवादी कार्रवाई का जवाब देना, एक संयुक्त कमांड पोस्ट की स्थापना, एक खुफिया और निगरानी केंद्र की स्थापना, एक हेलीपैड लैंडिंग साइट की सुरक्षा, कॉम्बैट फ्री फॉल शामिल होंगे। स्पेशल हेलिबॉर्न ऑपरेशन, कॉर्डन एण्ड सर्च ऑपरेशन के अलावा ड्रोन और काउंटर ड्रोन सिस्टम का उपयोग भी शामिल है।
काजिन्द-2024 अभ्यास दोनों पक्षों को संयुक्त अभियान चलाने की रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में सक्षम करेगा। संयुक्त अभ्यास से दोनों देशों के सशस्त्र बलों के कर्मियों के बीच अंतर-संचालन और सौहार्द विकसित करने में मदद मिलेगी। इससे रक्षा सहयोग का स्तर भी बढ़ेगा, दोनों मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मदद मिलेगी।
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