सल्ट विधानसभा उपचुनाव उत्तराखंड में अगले साल होने वाले चुनाव से पहले किसी सेमीफाइनल से कम नहीं है। एक तरफ बीजेपी इसे जीतकर बड़ा संदेश देना चाह रही है तो कांग्रेस इस सीट से अपनी वापसी की नींव मजबूत करना चाहती है। आइए समझते हैं क्या बन रहे समीकरण।
उत्तराखंड की सल्ट विधानसभा सीट पर 17 अप्रैल को मतदान होना है। बीजेपी की स्टेट यूनिट ने पार्टी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड को छह नाम भेजे थे, इन्हीं में से एक नाम फाइनल हो गया है और वह है स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह जीना के भाई महेश जीना का। उन्होंने पहले दिन ही नामांकन पत्र खरीद लिया।
पहले यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि प्रदेश के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत इसी सीट से विधानसभा पहुंच सकते हैं। हालांकि पार्टी ने स्थानीय स्तर पर नाराजगी न पैदा होने के लिए ऐसा कदम नहीं उठाया। आपको बता दें कि स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह जीना के निधन से यह सीट खाली हुई है। प्रत्याशी बनाए गए महेश जीना अपने भाई सुरेंद्र सिंह के चुनावों का प्रबंधन करते रहे हैं।
सुरेंद्र जीना के 2005 का भिकियासैंण विधानसभा चुनाव रहा हो, 2012 और 2017 का सल्ट विधानसभा चुनाव… सबमें महेश जीना ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई। भाई के अचानक निधन के बाद उन्होंने सल्ट विधानसभा उपचुनाव के लिए खुद को प्रत्याशी बनाने की मांग भी की थी।
आज प्रदेश कार्यालय में सल्ट उपचुनाव के विषय में क्षेत्रीय प्रतिनिधियों के साथ चुनाव संचालन योजना बैठक में रहना हुआ । pic.twitter.com/R7z4Pb8AOC
— Suresh Bhatt (Modi Ka Parivar) (@sureshbhattbjp) March 21, 2021
महेश जीना ने कहा है कि उनका लक्ष्य अपने भाई के अधूरे कामों को पूरा करने का है। बीजेपी ने शायद इसी आधार पर उन्हें टिकट देने का फैसला किया कि सुरेंद्र जीना की बेदाग छवि का फायदा उनके भाई को मिल सकता है। हालांकि पार्टी की ओर से भेजे गए छह नामों में महेश जीना के अलावा दिनेश मेहरा, डॉ. यशपाल सिंह रावत, गिरीश कोटनाला, प्रताप सिंह रावत और राधा रमण का नाम शामिल था।
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बीजेपी ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इस उपचुनाव को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। बीजेपी ने हाल में सीएम के साथ-साथ प्रदेश अध्यक्ष भी बदला है। इसे सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। कुछ दिन पहले सीएम तीरथ सिंह रावत कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। ऐसे में पार्टी के दूसरे नेता सल्ट चुनाव के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
स्याल्दे मंडल के शक्ति केंद्र डूंगरी की बैठक तुरचौरा मे रहने का अवसर मिला जिस मे डूंगरी शक्ति केंद्र के पांचू बूथों के बूथों के लोग तथा पार्टी के सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
बैठक में सल्ट उप चुनाव प्रचार की रूपरेखा तैयार की।#maheshjeena #महेशजीना #आपकासेवक #Vote2021 pic.twitter.com/mVgCU5lyMX— Mahesh Jeena (@mjeenabjp) March 23, 2021
कांग्रेस भी इस उपचुनाव को अपने लिए अवसर के तौर पर देख रही है। पार्टी भी शायद बीजेपी के उम्मीदवार घोषित होने का इंतजार कर रही थी। अब वह भी अपनी रणनीति तैयार करने में जुट गई है। हालांकि कांग्रेस को भीतर की गुटबाजी से काफी संभलकर रहना होगा।
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