कोरोना काल में तनाव दूर करने के साथ ही आत्मिक शांति पाना चाहते हैं तो ऋषिकेश बुला रहा है। अपने आत्मबल को बढ़ाइए और एक नई आध्यात्मिक ऊर्जा महसूस करते हुए ज्ञान की गंगा में डुबकी लगाने का सुनहरा मौका आया है।
कोरोना जैसी आपदा से पूरी ताकत से निपटते हुए उत्तराखंड मार्च के पहले हफ्ते में योग महोत्सव की तैयारियों में जुटा है। 1 से 7 मार्च 2021 तक ऋषिकेश के गंगा रिजॉर्ट, मुनि की रेती में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव आयोजित किया जाएगा। इसमें स्वामी परमानंद, स्वामी अवधेशानंद गिरी, सिस्टर बीके शिवानी, आचार्य बालकृष्ण समेत 7 गुरु और गाइड शामिल हो रहे हैं। संगीतमय प्रस्तुति के साथ ही हेल्थ सेशन भी रखा गया है। कोरोना के चलते पिछले एक वर्ष में तनाव में बीतने के बाद अब एक नए सिरे से आगे बढ़ने का मौका है। आपदा में अवसर की बात आज पूरा देश कर रहा है और ऐसे में हमारे गुरु और मार्गदर्शक लोगों को जीवन की नई राह दिखाएंगे।
ज्ञान की बहेगी गंगा
आध्यात्म, गीत-संगीत और स्वास्थ्य का यह अद्भुत संगम होने वाला है। स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज आध्यात्मिक गुरु, संत, लेखक और दार्शनिक हैं। वह जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर हैं। वह धर्म और आध्यात्म पर अपने व्याख्यानों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कई पुस्तकें लिखी हैं। स्वामी अवधेशानंद को वेदांत और प्राचीन भारतीय दर्शन विषयों का गहरा ज्ञान हैं। ऐसे में उनकी उपस्थिति से निश्चित तौर पर योग महोत्सव में ज्ञान की गंगा बहने वाली है।
स्वामी परमात्मानंद के बारे में जानिए
गुजरात के राजकोट में स्थित श्री सोमेश्वर महादेव मंदिर के संस्थापक स्वामी परमात्मानंद सरस्वती की गरिमामयी उपस्थित से योग महोत्सव में चार चांद लगेंगे। कम लोग ही जानते होंगे कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आध्यात्मिक गुरु ब्रह्मलीन स्वामी दयानंद सरस्वती के शिष्य हैं। स्वामी परमात्मानंद अपने वैदिक दृष्टिकोण और जीवन जीने के तरीके के लिए जाने जाते हैं।
योग नगरी ऋषिकेश में 1 से 7 मार्च तक अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है। इस महोत्सव में आपको पुरातन योग पद्धति एवं आयुर्वेद के संबंध में विस्तारपूर्वक व ज्ञानवर्धक जानकारियां प्राप्त होंगी। 1/2 pic.twitter.com/P4IYdG9VQz
— Satpal Maharaj (@satpalmaharaj) February 25, 2021
भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद हिंदू धर्म आचार्य सभा के महासचिव और समन्वयक स्वामी परमात्मानंद ने भी जनता से अपील की थी कि वे अपने घरों में रहें और शासन की ओर से जारी निर्देशों का पालन करें। इसका काफी असर हुआ था। खास बात यह है कि जब लोग कमरे में बंद थे, तमाम तरह की बेचैनी और सूनापन मन को कचोट रहा था, ऐसे समय में एकांत में रहते हुए उन्होंने घर के मंदिर में या मन में ही प्रभु की आराधना करने की सीख दी थी।
धर्म, दर्शन के साथ ही स्वामी परमानंद समाज में शांति के लिए भी काम करते रहे हैं। अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश में शांति व्यवस्था कायम करने और समाज में सद्भाव बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की धर्मगुरुओं की बैठक में स्वामी परमात्मानंद और अवधेशानंद गिरी जी भी पहुंचे थे। हिंदू आचार्य महासभा के महासचिव स्वामी परमात्मानंद ने तब कहा था, “हम देश में शांति कायम करने के लिए काम करते रहेंगे। देश में अशांति दो तरह से होती है, एक जब एक-दूसरे को समझ नहीं पाते हैं, मन में कुछ सवाल होते हैं, दूसरे कई ऐसे तत्व होते हैं, जो अशांति पर ही पलते हैं। संवाद के दौरान खुलेमन से बात होने से गलतफहमियां दूर हुईं।”
शिवानी दीदी को सुनने का मौका
शिवानी दीदी आज के समय में सोशल मीडिया, यूट्यूब पर खूब देखी जाती हैं। कुछ शब्दों में उनका संदेश सही मायने में लोगों की बड़ी समस्या को हल कर देता है। ध्यान और आध्यात्म की शिक्षक बीके शिवानी ब्रह्मकुमार विश्व आध्यात्मिक संगठन के शिक्षा केंद्र से जुड़ी हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक शिवानी एक प्रेरक वक्ता हैं। सार्वजनिक सेमिनारों और टीवी कार्यक्रमों के माध्यम से उनकी प्रेरक बातें पूरी दुनिया में सुनी जाती हैं। कई देशों में जाकर वह दुनिया के लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला चुकी हैं। उनके सार्वजनिक कार्यक्रम, इंटरैक्टिव वर्कशॉप, सेमिनार, प्रशिक्षण, ब्लॉग, रेडियो और शो खूब देखे और सुने जाते हैं। योग महोत्सव में वह भी आ रही हैं। ऐसे में लोगों को ज्ञान की बातें और हमारे जीवन की समस्याओं को दूर करने में काफी मदद मिलेगी।
गोपाल दास भी आ रहे
इसी तरह प्रेरक वक्ता गौर गोपाल दास का नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है। भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में उन्हें आमंत्रित किया जाता है और वह अपनी अलग शैली में लोगों की समस्याओं का समाधान बताते हैं। खास बात यह है कि वह भारतीय जीवन शैली के कोच हैं और इस्कॉन से जुड़े हैं। जीवन के रहस्य के साथ उद्देश्य और संतुलन जैसी चीजें वह आसान शब्दों में समझा जाते हैं। वह भी योग महोत्सव में शामिल होंगे।
पतंजलि आयुर्वेद के आचार्य बालकृष्ण, स्वामी आत्म स्वरूपानंद, ग्रैंड मास्टर अक्सर का भी लोगों को सानिध्य मिलेगा।
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *