बुधवार को 88 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। सबसे अधिक 26 मामले ऊधमसिंह नगर में सामने आए हैं। इसके अलावा देहरादून 16, बागेश्वर पांच, नैनीताल सात, पिथौरागढ़ एक, टिहरी गढ़वाल 17, पौड़ी गढ़वाल नौ और हरिद्वार के पांच मामले शामिल हैं। प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2623 हो गई है।
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। बुधवार को 88 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। सबसे अधिक 26 मामले ऊधमसिंह नगर में सामने आए हैं। इसके अलावा देहरादून 16, बागेश्वर पांच, नैनीताल सात, पिथौरागढ़ एक, टिहरी गढ़वाल 17, पौड़ी गढ़वाल नौ और हरिद्वार के पांच मामले शामिल हैं। प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2623 हो गई है। राज्य में इस समय कोरोना के 918 एक्टिव मामले हैं। वहीं 1721 लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। अभी तक कोरोना संक्रमण के चलते 35 लोगों की मौत हुई है। 17 लोग राज्य से जा चुके हैं।
इस बीच, राज्य में तीन लोगों की मौत भले ही अलग-अलग कारणों से हुई लेकिन उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। ऋषिकेश -बदरीनाथ हाईवे पर 22 जून को कार दुर्घटना में मारे गए दो लोगों की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। कोडियाला के समीप देवप्रयाग की ओर से हरिद्वार आ रही एक कार खाई में गिर गई थी। कार में चालक प्रदीप कुमार (42 वर्ष) एवं सरल सैनी (17 वर्ष) निवासी ज्वालापुर हरिद्वार की घटनास्थल पर मौत हो गई थी।वहीं रायवाला में 22 जून को फांसी लगाकर आत्महत्या करने वाला युवक भी कोरोना पॉजिटिव निकला है।
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दोनों के शव पोस्टमार्टम के लिए एम्स ऋषिकेश लाए गए थे। एम्स के पीआरओ हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि दोनों का सैंपल लिया गया था। इसमें इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वहीं 22 जून को ही बीईजी रोड रायवाला निवासी तेजपाल सिंह (33 वर्ष) ने फांसी लगा ली थी। उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए एम्स लाया गया था। इसकी भी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
दोपहर 3 बजे पहली रिपोर्ट
रात नौ बजे दूसरी रिपोर्ट
उधर, बुधवार को देहरादून के प्रेमनगर स्थित अस्पताल पहुंचे एक व्यक्ति की ओपीडी के बाहर मौत हो गई। कोविड टेस्ट होने के बाद ही उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। 45 वर्षीय अरुण गुप्ता पुरानी मिट्ठी बेरी में अपनी मां के साथ रह रहा था। मूल रूप से दिल्ली निवासी अरुण प्रेमनगर स्थित कार जोन वर्कशाप में काम करता था। चार-पांच दिनों से उसकी तबीयत खराब थी। ऐसे में वर्कशाप का ही एक कर्मचारी उसे लेकर अस्पताल पहुंचा और ओपीडी की पर्ची बनवाकर लौट गया। अरुण गुप्ता बाहर बेंच पर बैठकर अपनी बारी का इंतजार कर रहा था, इसी बीच थोड़ी ही देर में वह अचेत हो गया। चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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