सरकार के इतना समझाने के बाद भी कुछ लोगों को अभी ये लग रहा है कि उन्हें कुछ नहीं होगा और वे पहले के दिनों की तरह घर से गाड़ी लेकर बाहर निकल जा रहे हैं। उत्तराखंड पुलिस ऐसे लोगों को न सिर्फ गिरफ्तार कर रही है बल्कि उनकी गाड़ियां भी जब्त कर रही है। सबसे अहम यह है कि लोग जिम्मेदारियों को समझें।
कोरोना वायरस से पूरी दुनिया परेशान है। मरने वालों की तादाद हर रोज हजार की संख्या में बढ़ रही है फिर भी देश के कुछ लोग इसे हल्के में ले रहे हैं। जी हां, उत्तराखंड से आए एक आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि राज्य के कुछ लोग अब भी लॉकडाउन का गंभीरता से पालन नहीं कर रहे हैं।
लॉकडाउन के शुरू के 5 दिन के भीतर ही उत्तराखंड पुलिस ने 1991 लोगों को नियमों का उल्लंघन करने पर गिरफ्तार किया है। पुलिस ने 362 एफआईआर दर्ज की है और मोटर व्हीकल ऐक्ट के तहत 1963 गाड़ियों को भी जब्त किया है। यह हालत तब है जबकि सरकार लगातार लोगों को समझा रही है कि घर से बाहर न निकलें जब तक की बहुत बड़ी इमर्जेंसी न हो।
फिर भी कुछ लोग यह समझकर कि उन्हें कुछ नहीं होगा, अपनी, अपने परिवार की और पूरे राज्य के लोगों की जान को खतरे में डाल रहे हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि राज्य में आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई की उचित व्यवस्था है। राज्य में किसी को भी भूखा नहीं रहने देंगे। जरूरी वस्तुओं की दुकानें खुलने का समय (सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे) यथावत रखा गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपील की है कि लॉकडाउन का गंभीरता से पालन करें। पीएम ने नवरात्रि पूजा को लेकर कहा कि घरों से बाहर मत निकालिए, मन के भीतर झांकिए। उन्होंने कहा है कि हम सभी नवरात्रि पर मां भगवती की पूजा करते हैं, लॉकडाउन का यह वक्त गहराई से भक्ति का मौका देता है। मन के भीतर झांकिए, योग करिए, स्वस्थ रहिए।
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