उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाले बहादुर अफसर केएस भंडारी को केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स यानी CRPF में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। साल 1984 में वह सीआरपीएफ में पहले ही प्रयास में असिस्टेंट कमांडेंट बने थे।
उत्तराखंड वीरों की धरती है। पहाड़ के हर गांव से लोग सुरक्षाबलों में भर्ती होकर देशसेवा करते रहे हैं। तभी तो चार धाम के साथ ही यहां पांचवां धाम ‘सैन्य धाम’ कहा जाता है। देशसेवा का जज्बा लिए ऐसे ही उत्तराखंड के लाल और जांबाज अफसर को केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।
कुंवर सिंह भंडारी (K S Bhandari) पिथौरागढ़ के रहने वाले हैं। डीडीहाट के कुंवर को सीआरपीएफ में अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) बनाया गया है। इससे पहले वह पुलिस महानिरीक्षक के तौर पर सेवा दे रहे थे। जैसे ही यह खबर उनके गांव पहुंची, लॉकडाउन में घरों में बैठे लोगों ने खुशियां मनाईं। गांववालों को अपने बेटे की उपलब्धि पर गर्व है।
कुंवर सिंह भंडारी डीडीहाट तहसील के खेतार भंडारी गांव से ताल्लुक रखते हैं। गांववालों ने बताया कि कुंवर ने जूनियर हाईस्कूल तक की पढ़ाई स्थानीय दूनाकोट से पूरी की थी। बाद में 12वीं की पढ़ाई के लिए वह अल्मोड़ा चले गए। राजकीय इंटर कॉलेज से 12वीं की परीक्षा पास की। पिथौरागढ़ के एलएसएम महाविद्यालय से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन किया।
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1984 में वह सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट पद पर नियुक्त हुए। कठिन परिश्रम, लगन और ईमानदारी के दम पर वह लगातार आगे बढ़ते रहे। अब उन्हें एडीजी के पद पर नियुक्ति मिली है। उनकी गिनती सीआरपीएफ के अनुशासन प्रिय, कर्मठ और संवेदनशील अधिकारियों में होती है।
कुंवर इस समय माउंट आबू स्थित आंतरिक सुरक्षा अकादमी में बतौर निदेशक सेवा दे रहे हैं। एडीजी के पद पर पहुंचने वाले वह डीडीहाट क्षेत्र के पहले अधिकारी हैं। अपने सेवाकाल में वह उत्कृष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति सम्मान भी मिल चुका है।
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