चीन के उकसावे की कार्रवाई के कारण दोनों देशों में तनाव बढ़ गया है। गलवान घाटी में चीन के सैनिकों ने धोखे से भारतीय कर्नल और उनके साथियों पर हमला कर दिया था, जिसमें 20 सैनिक शहीद हो गए। कुछ ही देर में भारतीय सैनिकों ने भी हिसाब चुकता कर दिया।
पूर्वी लद्दाख स्थित गलवान घाटी में सैनिकों के बीच भिड़ंत में भारत के 20 जवान शहीद हो गए तो चीन को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है। बताया जा रहा है कि चीन के विश्वासघात पर कुछ ही देर में भारतीय सैनिकों ने ‘बदला’ ले लिया था और चीन के 40 से ज्यादा सैनिकों को मार गिराया। चीन का कमांडिंग ऑफिसर भी मारा गया है। चीन की इस हरकत का भारत किस तरह से जवाब देगा, इसको लेकर दिल्ली में लगातार बैठकों का दौर जारी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लगातार सेना प्रमुखों, सीएडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ बैठकें कर रहे हैं। इस बीच खबर है कि उत्तराखंड में चीन से लगते बॉर्डर पर तैनात सेना को अलर्ट कर दिया गया है।
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रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल, लद्दाख में भी बॉर्डर पर अलर्ट है। उत्तराखंड में करीब 345 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा है। उन इलाकों में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती की जा रही है। चमोली जिला प्रशासन ने भारत-चीन सीमा से लगे बाड़ाहोती और माणापास में स्थानीय चरवाहों को बकरियों को लेकर आगे जाने की अनुमति प्रदान करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। दरअसल, इन चरवाहों को क्षेत्र की दूसरी रक्षा पंक्ति माना जाता है।
आपको बता दें कि चीन कई बार बाड़ाहोती और माणापास में घुसपैठ कर चुका है। इन जगहों पर दर्जनों फॉरवर्ड पोस्ट पर आईटीबीपी के जवान तैनात हैं। आईटीबीपी के जवान पहाड़ों पर पेट्रोलिंग करके चीन की हरकत पर नजर रखते हैं। गलवान घाटी में झड़प के बाद आईटीबीपी जवानों की गश्त बढ़ा दी गई है।
माणा में सेना और आईटीबीपी की यूनिट तैनात है, जबकि माणा से आगे 40 से 50 किलोमीटर आईटीबीपी की फॉरवर्ड पोस्ट है। बाड़ाहोती इलाके में अब तक 2014 में सीमा क्षेत्र के अंतिम चौकी रिमखिम के पास चीनी हेलिकॉप्टर काफी देर तक मंडराते रहे। 2015 में चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसकर स्थानीय चरवाहों के सामान नष्ट कर दिए थे।
2016 में सीमा के करीब के इलाकों के निरीक्षण के दौरान चमोली जिला प्रशासन की टीम का चीनी सैनिकों से सामना हुआ था। 3 जून वर्ष 2017 को बाड़ाहोती में दो चीनी हेलीकॉप्टर 3 मिनट तक मंडराते रहे। ऐसे में सेना और आईटीबीपी के जवानों को पहले ही अलर्ट कर दिया है, जिससे चीन अब कोई हरकत न कर सके।
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