कोरोना की तमाम गाइडलाइनों के अनुरूप IMA की ऐतिहासिक इमारत के सामने ड्रिल स्क्वॉयर में हुई रंगारंग पासिंग आउट परेड में इन युवा अधिकारियों ने वतन पर मर-मिटने के लिए हमेशा तैयार रहने का हलफ उठाया। मित्र देशों के 70 कैडेट ने भी शनिवार को प्रशिक्षण पूरा किया और अपने-अपने देशों की सेना में शामिल हुए।
भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) से पासआउट होकर 325 युवा शनिवार को भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। कोरोना की तमाम गाइडलाइनों के अनुरूप IMA की ऐतिहासिक इमारत के सामने ड्रिल स्क्वॉयर में हुई रंगारंग पासिंग आउट परेड में इन युवा अधिकारियों ने वतन पर मर-मिटने के लिए हमेशा तैयार रहने का हलफ उठाया। मित्र देशों के 70 कैडेट ने भी शनिवार को प्रशिक्षण पूरा किया और अपने-अपने देशों की सेना में शामिल हुए।
परेड की सलामी उपसेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी ने ली। उन्होंने कैडेट्स को संबोधित करते कहा कि वे बढ़ रही चुनौतियों के लिए खुद के तैयार रखें क्योंकि उन्हें बार-बार आतंरिक और बाहरी खतरों से देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए कहा जा सकता है। उन्होंने कैडेट्स को टेक्नोलॉजी में तेजी से हो रहे बदलाव के अनुसार खुद को अपडेट रखने को कहा।
उप सेना प्रमुख ने ‘पासिंग आउट परेड’ का निरीक्षण करने के बाद कैडेट को संबोधित करते हुए कहा कि युद्ध कौशल और प्रौद्योगिकी में प्रगति साथ-साथ चलनी चाहिए। ‘यह महज शुरुआत है। मैं क्षितिज पर अनिश्चितता, प्रतिस्पर्धा और संघर्ष देख रहा हूं। आप ऐसी स्थिति का सामना कर सकते हैं जहां आपको बार-बार आतंरिक आर बाहरी खतरों से देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए कहा जा सकता है।’
लेफ्टिनेंट जनरल सैनी ने कहा, ‘हथियारों के प्रचार, गैर-राज्यीय किरदारों द्वारा उत्पन्न संघर्ष और विस्तारवादी वैश्विक विचारधारा के बीच हमे शांति और कानून के राज को कायम रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।’उन्होंने कहा, ‘मुझे पूरा भरोसा है कि आप सभी इन चुनौतियों का बखूबी सामना करेंगे।’
उप सेना प्रमुख ने कैडेट से कहा कि वे ज्ञान योद्धा बनें, डिजिटल हथियारों से पूरी तरह से लैस हों, लेकिन याद रखें कि बंदूक के पीछे खड़े व्यक्ति का सबसे अधिक महत्व होता है। लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि आईएमए में प्रशिक्षण के उच्च मापदंड ने उन्हें सैनिकों के प्रभावी नेतृत्व से लैस किया है। साथ ही उन्होंने पेशे में चरित्र के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा, ‘एक बार सैनिकों का कमजोर चरित्र उजागर हुआ तो उसे ठीक करने का दूसरा मौका नहीं है।’
वतनदीप सिद्धू को स्वॉर्ड ऑफ ऑनर
उप सेना प्रमुख ने कैडेटस को ओवरऑल बेस्ट परफॉर्मेंस व अन्य सम्मान प्रदान किए। वतनदीप सिद्धू को स्वॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया। माजी गिरिधर को स्वर्ण, निदेश सिंह यादव को रजत व शिखर थापा को कांस्य पदक प्रदान किया गया।
कोरोना संकट को देखते हुए पासिंग आउट परेड में विभिन्न स्तर पर सावधानी बरती गई। शारीरिक दूरी के नियमों का पालन किया गया। प्रत्येक मार्चिंग दस्ते में एक लाइन में कैडेटस की संख्या आठ रखी गई। जेंटलमैन कैडेटस के साथ ही सभी सैन्य अधिकारियों ने भी मास्क पहने हुए थे।
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *