बीजेपी के वरिष्ठ नेता और गढ़वाल से सांसद तीरथ सिंह रावत ने राजभवन जाकर राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया है। उनके साथ कई वरिष्ठ नेता राजभवन गए थे। वह आज शाम में ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
बीजेपी सांसद तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के अगले मुख्यमंत्री होंगे। बीजेपी विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद उनके समर्थकों ने खूब जश्न मनाया। पार्टी कार्यालय पर कार्यकर्ताओं ने उन्हें माला पहनाकर जयकारे लगाए। कुछ देर बाद ही तीरथ सिंह रावत ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। वह आज शाम में ही सीएम पद की शपथ लेंगे।
बताया जा रहा है कि तीरथ सरकार में कई नए चेहरों को जगह मिल सकती है। नाम अगले कुछ दिनों में फाइनल किए जा सकते हैं। कुछ युवाओं को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। वहीं, तीरथ सिंह रावत चौबट्टाखाल से चुनाव लड़ सकते हैं। चर्चा इस बात की है कि विधायक सतपाल महाराज अपनी यह सीट छोड़ सकते हैं। उन्हें पौड़ी सीट से लोकसभा भेजा जा सकता है, जहां से फिलहाल तीरथ सिंह रावत सांसद हैं।
मैंने कभी कल्पना नहीं की थी….
तीरथ सिंह रावत ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपना बड़ा भाई बताया है। उन्होंने कहा कि जो जिम्मेदारी मिली है, वो निभाऊंगा। उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बतौर सीएम जो काम किए हैं, उसे मैं आगे बढ़ाने का काम करूंगा। उन्होंने कहा कि जो काम उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह ने किया, वह पहले किसी ने नहीं किया है। प्रदेश की बेहतरी के लिए मैं लगातार काम करूंगा। तीरथ सिंह रावत ने कहा कि मैं केंद्रीय नेतृत्व का धन्यवाद करना चाहूंगा, जिन्होंने मुझे ये पदभार दिया। मैं गांव से आया हुआ एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं, मैंने कभी कल्पना नहीं की थी।
इससे पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीजेपी एमपी तीरथ सिंह रावत के नाम की घोषणा की थी। तीरथ सिंह 2013 से 2015 तक उत्तराखंड में बीजेपी अध्यक्ष रह चुके हैं। हिमाचल प्रदेश के चुनाव प्रभारी भी रहे हैं। एबीवीपी उत्तराखंड के संगठन मंत्री रहे हैं।
अगले साल प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं। उससे पहले बीजेपी ने सीएम का चेहरा बदलकर बड़ा दांव खेला है। ऐसे में नए सीएम के सामने बड़ी चुनौतियां होंगी। उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री बनने जा रहे तीरथ सिंह रावत 2012 से 2017 तक बीजेपी के विधायक रहे हैं। 2000 में उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री बने थे। 2013 में उत्तराखंड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति में अहम भूमिका निभाई। छात्र जीवन से ही उन्होंने राजनीति में कदम रखा था। संघ से पुराना नाता है।
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