मुख्यमंत्री बनने के बाद तीरथ सिंह रावत लगातार बैठकों, मुलाकातों और रणनीति बनाने में जुटे हैं। चुनाव से एक साल पहले उन्हें सीएम के तौर पर एक बड़ी जिम्मेदारी मिली है। हालांकि पहली चुनौती के तौर पर उनका टेस्ट भी सामने आ गया है, जी हां और वो है…
उत्तराखंड में नए राजनीतिक फेरबदल के बाद अब सियासी गलियारों में अल्मोड़ा जिले की सल्ट विधानसभा सीट की खूब चर्चा है। जी हां, यहां 17 अप्रैल को उपचुनाव होगा। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, सल्ट सीट पर उपचुनाव के लिए अधिसूचना 23 मार्च को जारी की जाएगी। नामांकन पत्र 30 मार्च तक भरे जा सकेंगे। नामांकन पत्रों की जांच 31 मार्च को की जाएगी और 3 अप्रैल तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।
17 अप्रैल को मतदान के बाद दो मई को मतगणना होगी। आपको बता दें कि भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना का नवंबर में कोविड-19 से निधन होने के कारण सल्ट सीट रिक्त हुई है।
हालांकि उपचुनाव को लेकर अटकलें इस बात पर लगाई जा रही हैं कि बीजेपी यहां से किसे उम्मीदवार बनाएगी। इसकी वजह दिलचस्प है। कुछ दिन पहले ही प्रदेश की कमान संभालने वाले मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अभी सांसद हैं और नियम के अनुसार 6 महीने के भीतर उन्हें विधानसभा की सदस्यता हासिल करनी होगी। इसके दो विकल्प हैं या तो कोई विधायक अपनी सीट छोड़े और वहां से तीरथ सिंह रावत विधानसभा पहुंचे।
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दूसरा विकल्प है कि बिना किसी विधायक की सीट काटे, एक महीने बाद होने जा रहे उपचुनाव में सीएम बीजेपी की तरफ से आ जाए। पर इसमें एक पेच भी है और वो यह विधायक के निधन के बाद अब तक चर्चा थी कि उनके परिवार के ही सदस्य को पार्टी चुनाव लड़ सकती है। अगर अचानक सीएम को यहां से उतारा जाता है तो हो सकता है पूर्व विधायक के समर्थकों में असंतोष पैदा हो जाए।
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इसके साथ ही तीरथ सिंह के सामने उपचुनाव को जीतना भी किसी परीक्षा से कम नहीं होगा। उनके सीएम बनने के बाद यह पहला चुनाव होगा ऐसे में वह पहली परीक्षा जरूर पास करना चाहेंगे। कांग्रेस इस उपचुनाव को अगले साले होने वाले चुनाव से पहले एक बड़ा संदेश देने के मौके के तौर पर देख रही है। अगर यहां से कांग्रेस का उम्मीदवार जीतता है तो पार्टी बीजेपी के खिलाफ प्रदेश की जनता का मूड बताकर अपने समर्थन में माहौल बनाने की कोशिश करेगी।
कांग्रेस की तरफ से पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत के बेटे विक्रम रावत की है। आम आदमी पार्टी भी अपना उम्मीदवार उतारने वाली है। अब सल्ट में तीरथ दूसरे उम्मीदवार को जिताने के लिए पूरी ताकत लगाएंगे या खुद को विधानसभा पहुंचाने के लिए दांव खेलेंगे। अगले कुछ दिनों में साफ हो जाएगा।
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