भारतीय सेना के सेंट्रल कमांड ने बताया कि बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) का एक कैंप 23 अप्रैल को ग्लेशियर टूटने के बाद बर्फ की चपेट में आ गया था। चीन की सीमा से सटे जोशीमठ सेक्टर के सुमना इलाके में यह घटना हुई है।
चमोली जिले के नीति घाटी में सुमना में ग्लेशियर टूटने से बड़ा नुकसान हुआ है। भारतीय सेना की ओर से जानकारी दी गई है कि अब तक 384 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है। 10 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। प्रभावित इलाके में कई लोग बर्फ के नीचे दबे हुए हैं। राहतकर्मी इन लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए जीजान से जुटे हुए हैं। मौसम खराब होने के बावजूद यहां बर्फ के नीचे फंसे लोगों को निकालने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है। प्रभावित इलाके से दहला देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं।
इससे पहले, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार सुबह जोशीमठ के सुमना में ग्लेशियर टूटने वाले क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। हवाई सर्वेक्षण एवं सेना के अधिकारियों से जानकारी लेने के बाद मुख्यमंत्री ने चमोली में मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि सुमना में जहां पर ग्लेशियर टूटा वहां पर बीआरओ के लगभग 400 लेबर काम कर रहे थे। इनमें से 384 को सुरक्षित बचा लिया गया है। कई लोग अभी लापता हैं, उनकी तलाश की जा रही है।
देखें चमोली में आपदा प्रभावित इलाके का पहला वीडियो
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Lt Gen Dr Mohan Bhandari
April 24, 2021, 7:01 pmहम भारतीय वास्तव में उस विशालकाय हाथी की तरह हैं जो अपने सिर के ऊपर 20 फुट पानी चढ़ जाने के बाद ही अपने बदन को हिलाना शुरू करता है।अभी कुछ समय पहले इससे बड़ा हिमनद तांडव विनाश हमने तपोवन और उसके इर्द-गिर्द (इसी जिले) में देखा।दुर्भाग्य तो यह है कि हम राष्ट्र/राज्य स्तरों पर आपदा विश्लेषण /उपरांत कार्यवाईयों में पूरी तरह से असफल रहे हैं।
REPLYभारतीय सशस्त्र सेनाऐं राष्ट्र का गौरव हैं।भारतवासियों को उनकी और डाक्टर्स की याद दुख-दर्द में ही आती है।जरा सोचिए।
उनको सहस्र सलाम।