चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की बैठक लेने पहुंचे पर्यटन मंत्री ने जिला सभागार रुद्रप्रयाग में अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की हो रही मौत पर दुख जाहिर किया। उन्होंने कहा कि अब तक केदारनाथ पैदल मार्ग पर 50 से अधिक बेजुबान जानवरों की मौत हो गई है। यह बहुत ही दुखदायी बात है।
विदेश यात्रा से लौटे पर्यटन मंत्री गुस्से में आये नजर। चारधाम व्यवस्थाओ की बैठक के दौरान अधिकारियों पर जमकर बरसते नजर आए है।
बता दें की चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की बैठक लेने पहुंचे पर्यटन मंत्री ने जिला सभागार रुद्रप्रयाग में अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की हो रही मौत पर दुख जाहिर किया। उन्होंने कहा कि अब तक केदारनाथ पैदल मार्ग पर 50 से अधिक बेजुबान जानवरों की मौत हो गई है। यह बहुत ही दुखदायी बात है। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर जानवरों को मरने के लिए छोड़ा जा रहा है।
पशु पालन विभाग के कर्मचारी घोड़े-खच्चरों का इलाज तक नहीं कर पा रहे हैं, जबकि घोड़ा-खच्चर मालिक व हाॅकर भी उनकी परवाह नहीं कर रहे हैं और मरने वाले जानवरों को सीधे मंदाकिनी नदी में फेंका जा रहा है। इससे बड़ा दुख क्या हो सकता है।
आक्रोश जाहिर करते हुए पर्यटन मंत्री ने कहा कि घोड़े-खच्चरों की मौत क्यों हो रही है और इसके लिए कौन दोषी है। इस बात का पता लगाया जाए और उन लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए। कहा कि अगर इसके लिए हाॅकर और मालिक दोषी हैं तो उन पर भी कार्रवाई की जाए।
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