बद्रीनाथ धाम को नया स्वरूप देने के लिए श्री केदारनाथ उत्थान चेरिटेबल ट्रस्ट और पावरग्रिड कारपोरेशन आफ इंडिया के बीच हुआ समझौता

बद्रीनाथ धाम को नया स्वरूप देने के लिए श्री केदारनाथ उत्थान चेरिटेबल ट्रस्ट और पावरग्रिड कारपोरेशन आफ इंडिया के बीच हुआ समझौता

बद्रीनाथ धाम को नए स्वरूप देने के लिए राज्य सरकार ने तीन साल में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद 2025 में लगभग 15.6 लाख श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम के दर्शन करने के लिए आ सकेंगे।

बद्रीनाथ धाम को ‘‘स्मार्ट स्प्रिचुअल हिलटाउन’’ के रूप में विकसित करने के लिए श्री केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट और महारत्न पावर ग्रिड कारर्पोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड के बीच समझौता ज्ञापन पर आज हस्ताक्षर किया गया। इसके अनुरूप पावर ग्रिड कारपोरेशन द्वारा पावर ग्रिड कारपोरेशन द्वारा 19.3 करोड रुपए की धनराशि कार्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में श्री बदरीनाथ धाम के विकास कार्यों हेतु अंतरित की जाएगी।

उत्तराखंड पर्यटन के सचिव दिलीप जावलकर व पावरग्रिड कारपोरेशन आफ इंडिया के सीएमडी के श्रीकांत ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए। ’ज्ञातव्य है कि सीएसआर के तहत सरकारी व निजी कंपनियों द्वारा लगभग 200 करोड़ इस योजना के लिए दिया जा चुका है।’

पर्यटन सचिव ने कहा ‘हर साल बद्रीनाथ धाम देश और विदेश से कई श्रद्धालुओं को आकर्षित करता हैं और उत्तराखंड सरकार माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन के अंतर्गत श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान करने और बदरीनाथ को स्मार्ट हिल टाउन बनाने के लिए वचनबद्ध है’।

जावलकर ने बताया की इस एमओयू के अंतर्गत पावर ग्रिड कारपोरेशन आफ इंडिया द्वारा दी गई 19.3 करोड़ की धन राशि को बद्रीनाथ धाम के विकास परियोजनाओं में इस्तेमाल किया जाएगा। इन परियोजनाओं में 2.5 किमी लंबी 10.5 मीटर चैड़ी सड़क का निर्माण शामिल है जो कुशल यातायात प्रबंधन में मदद करेगा। इसके इलावा परियोजना में सार्वजनिक और देवस्थानम बोर्ड भवन का निर्माण, बैटरी संचालित सार्वजनिक परिवहन, संपत्ति साइनेज की स्थापना, रास्ते पर चलने वाले संकेत, परिवेश प्रकाश, नल-जल आपूर्ति सेवा आदी शामिल है।

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पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि मास्टर प्लान के अंतर्गत किए जाने वाले कार्यों में पर्यावरणीय संतुलन तथा स्थानीय हित धारकों के निहितार्थ को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को मूर्त रूप प्रदान होने पर श्री बदरीनाथ धाम में पर्यटन सुविधाओं के विकसित होने से जहां पर्यटक एक बेहतर अनुभव प्राप्त कर सकेंगे वहीं इससे स्थानीय लोगों अच्छी आमदनी वाले रोजगार प्राप्त हो सकेंगे।

बद्रीनाथ का तीर्थस्थल एक दुर्गम भौगोलिक परिदृश्य में स्थित है परंतु इसके बावजूद, प्रोजेक्ट को 3 साल में पूर्ण करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद 2025 में लगभग 15.6 लाख श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम के दर्शन करने के लिए आ सकेंगे।

एमओयू पर हस्ताक्षर के दौरान उत्तराखंड सरकार की ओर से अपर स्थानिक आयुक्त इला गिरी, जन संपर्क अधिकारी कमल किशोर जोशी, तथा पावर ग्रिड कारपोरेशन की ओर से निदेशक कार्मिक वीके सिंह, कार्यकारी निदेशक संजय गर्ग, महाप्रबंधक होलानी आदि उपस्थित रहे।

 

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