उत्तराखंड के देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी में स्प्रिंग टर्म-20 के प्रशिक्षण पूरा कर रहे कैडेटों के लिए अवॉर्ड समारोह आयोजित किया गया। लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नेगी ने अलग-अलग क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले कैडेटों को मेडल और अवॉर्ड प्रदान किए।
भारतीय सेना को बेहतरीन अधिकारी देने वाली भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून में बुधवार को स्प्रिंग टर्म-20 के कैडेट्स के लिए अवॉर्ड समारोह आयोजित किया गया। खेत्रपाल ऑडिटोरियम IMA में आयोजित कार्यक्रम में 146 रेगुलर कोर्स और 129 टेक्निकल ग्रैजुएट कोर्स के कैडेट्स को सम्मानित किया गया। इन प्रतिभाशाली कैडेटों को आईएमए के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नेगी, परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल ने सम्मानित किया।
कोर्स के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स को सम्मानित करते आईएमए के कमांडेंट ले. जनरल जे. एस. नेगी।
कोरोना संकट के दौरान जब दुनिया के ज्यादातर शैक्षणिक संस्थानों में प्रशिक्षण प्रभावित हुआ तो भी भारतीय सैन्य अकादमी ने एक प्रभावी कोविड एक्शन प्लान लागू किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों के तहत इसे अमल में लाया जा रहा है। इस दौरान यह भी ध्यान रखा गया कि प्रशिक्षण के मानक में कोई कमी न हो। एक दिन पहले डिप्टी कमांडेंट परेड आयोजित की गई थी।
किस कैडेट को कौन सा सम्मान या ट्रॉफी प्रदान की गई, यहां देखें पूरी सूची…
एकेडमिक में बेहतर प्रदर्शन करने वाले पासिंग आउट बैच के कैडेट सुमित संगवान को राजपूत रेजीमेंटल सिल्वर मेडल प्रदान किया गया। जबकि कंपनी स्तर पर आयोजित स्पर्धाओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए कैरेन कंपनी को गवर्नर ऑफ उत्तराखंड ट्रॉफी प्रदान की गई। कमांडेंट बैनर पर थिमैया बटालियन का दबदबा रहा।
कमांडेंट ले. जनरल नेगी ने जैंटलमैन कैडेट्स को संबोधित करते हुए कहा कि देश आपसे तत्परता, दृढ़ता और वफादारी की उम्मीद करता है। नेतृत्वक्षमता कई खूबियों से मिलकर बनती है। इन सबमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण आत्मविश्वास, नैतिकता, आत्म-बलिदान की भावना, निष्पक्षता, पहल की क्षमता, निर्णय लेने की क्षमता, गरिमा और साहस है। उन्होंने सभी कैडेट्स को भविष्य के लिए शुभकामना दी। अपने संबोधन में उन्होंने जहां सैन्य प्रशिक्षण के दौरान कैडेटों की मेहनत व लग्न के प्रयासों की सराहना की, वहीं सैन्य जीवन में सामने खड़ी चुनौतियां से पार पाने का गुरुमंत्र भी दिया।
उन्होंने कहा कि एक अधिकारी के लिए यह जरूरी है कि वह हर समय खेलकूद और निष्पक्ष खेल के मापदंडों के भीतर प्रतिस्पर्धात्मक लकीर बनाए रखे। एक टीम के रूप में जीतने और उत्कृष्टता प्राप्त करने की उत्कंठा हमेशा होनी चाहिए। टीम के सामूहिक प्रयास से ही युद्ध में जीत प्राप्त होती है। युद्ध में कोई उपविजेता नहीं होता है। युद्ध हमेशा एक सामूहिक और एक टीम प्रयास है जो महत्वपूर्ण है और युद्ध में कोई उपविजेता नहीं है।
कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते इस बार भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड का पूरा कार्यक्रम बेहद सादगीपूर्ण तरीके से हो रहा है। अकादमी प्रबंधन ने 13 जून को पीओपी आयोजित करने का निर्णय लिया है। जून के दूसरे शनिवार को अकादमी में आयोजित होने वाली पीओपी में गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कोविड-19 के संदर्भ में जारी एडवाइजरी का पूरा पालन किया जाएगा।
अकादमी के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल अमित डागर के मुताबिक, पासिंग आउट परेड में कैडेटों के परिजन और अन्य नाते-रिश्तेदार शामिल नहीं होंगे। ऑनलाइन या लाइव विकल्पों के माध्यम से कैडेटों के परिजन पीओपी देख सकेंगे। देश-विदेश के गणमान्य लोग और सेना के उच्चाधिकारी भी कम ही संख्या में परेड देखने के लिए आईएमए पहुंचेंगे।
पासिंग आउट परेड में शिरकत कर देश-विदेश के लगभग चार सौ कैडेट पास आउट होकर अपने अपने देश की सेना का अभिन्न अंग बनेंगे। देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी में देश-विदेश के जेंटलमैन कैडेट प्री-मिलिट्री ट्रेनिंग प्राप्त करते हैं। अकादमी से अब तक देश-विदेश की सेनाओं को 62 हजार 139 युवा अफसर मिल चुके हैं। इनमें मित्र देशों को मिले 2413 युवा अफसर भी शामिल हैं। वर्तमान में अकादमी में भारत के अलावा अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, मालदीव, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फिजी आदि मित्र देशों के भी सौ से अधिक जेंटलमैन कैडेट सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
आईएमए में कोविड19 से बचाव के लिए सेना के इंजीनियर्स ने बनाई स्पेशल टनल
आईएमए में कोविड19 से बचाव के लिए एक स्पेशल टनल बनाई गई है। पहले चरण में सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया से गुजरना होता है। इसमें पूरे शरीर पर सैनिटाइजर का छिड़काव होता है। वहीं दूसरा चैंबर ऐरेशन यानी वायु संचरण का है। सबसे अहम और तीसरा चरण एक हीटिंग चेंबर का है, इसमें 60 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान होता है। आईएमए में इस चैंबर को मिलिट्री इंजीनियर सर्विस ने तैयार किया है। बहुत कम लागत में तैयार की गई इस कोविड टनल से यहां आने वाले प्रत्येक बाहरी व्यक्ति को गुजरना होता है।
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