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असम राइफल्स के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा ने आज एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात की। लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा ने हाल ही में असम राइफल्स की कमान संभाली है। उन्होंने एनएसए को उत्तर पूर्वी राज्यों के मौजूदा हालात की जानकारी दी।
READ MOREउत्तराखंड वीरों की भूमि है और इस वीर भूमि से अनेक वीरों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कई वीर सैनिक अपने देश के खातिर अपने प्रोणों की आहुति दे चुके है। जिनमें उत्तराखंड़ के अनेक वीर योद्धा भी शामिल हैं।
READ MOREउत्तराखंड में भूतपूर्व सशस्त्र सैन्य और अर्द्वसैनिक बलों के संगठन हैं, जो अपने-अपने विचारों और लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए संगठित हैं। इनकी संख्या लगभग 50 से 60 है। हम उत्तराखंड की राजनीति में संगठित रूप से भागीदारी करने में क्यों असफल रहे हैं? यह विचारणीय और गहन चिंतन का विषय है।
READ MOREअसम राइफल्स की स्थापना 1835 में हुई थी। 189 सालों से असम राइफल्स लगातार अपनी जिम्मेदारियों को पूरा कर रहा है। वर्तमान समय में असम राइफल्स की 26 बटालियनें उग्रवाद ग्रस्त इलाके में तथा 20 बटालियनें अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा के कार्य में तैनात हैं। लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा के पदभार संभालने के बाद उनसे उनकी प्राथमिकताओं और चुनौतियों को लेकर हिल मेल पत्रिका के संपादक वाई एस बिष्ट ने खास बातचीत की है। इस बातचीत के अंश इस प्रकार हैं –
READ MOREभारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक राकेश पाल का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। उन्हें बेचैनी की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने 34 वर्ष से भी अधिक समय तक कोस्ट गार्ड में अपनी सेवाएं दीं।
READ MOREएक तरफ जब देश प्रदेश में तिरंगा फहराया गया तो वहीं दूसरी तरफ देहरादून में एक बेटे का शरीर तिरंगे में लिपट कर आया। स्वतंत्रता दिवस के दिन देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर कैप्टन दीपक सिंह का पार्थिव शरीर लाया गया।
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उत्तराखंड को हमेशा से वीरों की भूमि कहा जाता है इस भूमि ने देश को अनेक वीर योद्धा दिये हैं जिन्होंने अपने योगदान से देश का नाम रौशन किया है। उनमें से एक नाम कर्नल अजय कोठियाल का भी है। जिन्होंने पहले 29 साल देश की सेवा की और अब उत्तराखंड राज्य की सेवा कर रहे हैं।
READ MOREअसम राइफल्स ने पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की टीमों के लिए असम राइफल्स वार्षिक महिला फुटबॉल टूर्नामेंट के दूसरे संस्करण का आयोजन किया। असम राइफल्स के उपनाम ‘पूर्वोत्तर के प्रहरी’ के अनुरूप इसे सेंटिनल्स कप नाम दिया गया।
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