उत्तराखंड और यूपी के कई परिवार ऐसे हैं जो चमोली आपदा में लापता अपने परिजन के घर लौटने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। पिछले दिनों तपोवन टनल से एक के बाद एक शव निकले तो भी उन्हें उम्मीद है कि चमत्कार होगा और उनके अपने घर लौट आएंगे।
7 फरवरी 2021 थी वो तारीख, जिसने उत्तराखंड के चमोली में सैकड़ों परिवारों को ऐसा दर्द दिया, जिसे वे जीवनभर भूल नहीं पाएंगे। ग्लेशियर टूटने से अचानक आई बाढ़ कई जिंदगियां बहा ले गई। धौलीगंगा और ऋषिगंगा के जलस्तर में अचानक हुए वृद्धि से जानमाल का भारी नुकसान हुआ। रैणी गांव में सुबह 10.30 बजे यह आपदा आई और कुछ घंटे में ही राहत एवं बचाव कार्य शुरू हो गया। हालांकि 137 लोगों के बारे में अब भी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। उनके परिजनों की उम्मीदें अब टूटती जा रही हैं।
सरकार ने रविवार, 21 फरवरी को घटना पर अपडेट दिया है। कुल 204 लापता लोगों में से 5 शव और बरामद किए गए हैं। इसके साथ ही कुल 67 शव बरामद किए जा चुके हैं, जिनमें से 34 शवों की शिनाख्त हो गई है और 33 अज्ञात शव हैं। पशुहानि की बात करें तो यह आंकड़ा 184 है। आपदा में 12 गांवों के कुल 465 परिवार प्रभावित हुए हैं।
टनल में फंसे व्यक्तियों को बचाने के लिए दिन-रात युद्ध स्तर पर बचाव अभियान चल रहा है। 25 से 35 लोग अब भी वहां फंसे हैं, पर पिछले कुछ दिनों में वहां उम्मीद धूमिल होती गई क्योंकि 13 शव बरामद किए गए। बचाव कार्य में अब तक 162 मीटर मलबा साफ किया जा चुका है। उत्तराखंड सरकार ने लोगों को जानकारी दी है कि मलबे के कीचड़ के रूप में होने के कारण बैकफ्लो हो रहा है, जिससे साफ करने में बाधा आ रही है।
घटनास्थल पर अब भी एसडीआरएफ के 65 जवान, एनडीआरएफ के 176 जवान, आईटीबीपी के 61, सेना के 109, एयरफोर्स का 1 चॉपर, सेना की मेडिकल टीम में 4 जवान, 2 ऐंबुलेंस, 2 जेसीबी तैनात की गई है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग, फायर, राजस्व, पुलिस दूरसंचार विभाग की टीमें काम कर रही हैं।
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *