अपने दो शहीद बेटों को नम आंखों से अंतिम विदाई दे रहा उत्तराखंड

अपने दो शहीद बेटों को नम आंखों से अंतिम विदाई दे रहा उत्तराखंड

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहीद हुए जवानों की आत्मा की शांति और परिजनों को संबल प्रदान करने की कामना की है। उन्होंने कहा कि सरकार शहीदों के परिजनों के साथ हर समय खड़ी है।

उत्तराखंड में मंगलवार का दिन गम और गौरव का है। नियंत्रण रेखा पर आतंकियों के नापाक मंसूबों को नाकाम करने के दौरान शहीद हुए पहाड़ के दो सपूतों को पूरा राज्य नम आंखों से अंतिम विदाई दे रहा है। दोनों शहीदों के पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पूरे उत्तराखंड की तरफ से देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले हवलदार देवेंद्र सिंह और पैराट्रूपर अमित अणथ्वाल को श्रद्धांजलि अर्पित की।

सीएम रावत ने जम्मू-कश्मीर में घुसपैठियों के मंसूबों को नाकाम करते हुए शहीद हुए जवान देवेंद्र सिंह की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने शहीद जवान को गुप्तकाशी में अंतिम सलामी दी। शहीद देंवेंद्र का शव हेलीकॉप्टर के जरिये यहां लाया गया था।

 

रविवार को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में सेना की 4-पैरा स्पेशल फोर्स के कमांडो दस्ते ने पांच आतंकवादियों को ढेर कर दिया। लेकिन, इस मुठभेड़ में रुद्रप्रयाग जिले की बसुकेदार तहसील के ग्राम तिनसोली निवासी हवलदार देवेंद्र सिंह राणा,
पौड़ी जिले के कल्जीखाल ब्लॉक स्थित ग्राम क्वाला निवासी पैराट्रूपर अमित कुमार अणथ्वाल (31) समेत पांच जवानों को भी शहादत देनी पड़ी।

शहीद देवेंद्र का परिवार देहरादून जिले के छिद्दरवाला में किराये के मकान पर रहता है। उनकी बेटी आंचल (14) व बेटा आयुष (12) केंद्रीय विद्यालय रायवाला में पढ़ रहे हैं। जबकि, पिता भूपाल सिंह राणा, मां कुंवरी देवी व छोटा भाई गांव में ही रहते हैं। शहीद की पत्नी व बच्चे सेना के वाहन से गांव पहुंच गए हैं।

 

मुख्यमंत्री ने शहीद जवान अमित कुमार को रांसी, पौड़ी में अंतिम सलामी दी।अमित कुमार अणथ्वाल (31) नौ दिसंबर 2011 को गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हुए थे। वर्तमान में वह 4-पैरा स्पेशल फोर्स कार्यरत थे और उनकी तैनाती कुपवाड़ा क्षेत्र में थी। अमित के पिता नागेंद्र प्रसाद ने बताया कि कुछ समय पूर्व ही अमित की सगाई हुई थी और आगामी 25 अक्टूबर को उनका विवाह तय था। वह दो बहनों के इकलौते भाई थे। दोनों बहनों की शादी हो चुकी है।

 

 

मुख्यमंत्री रावत ने शहीद हुए जवानों की आत्मा की शांति व परिजनों को संबल प्रदान करने की कामना की है। उन्होंने कहा कि सरकार शहीदों के परिजनों के साथ हर समय खड़ी है।

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