मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने अधिकारियों से कहा है कि आपदा प्रबंधन के लिए जो भी प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं, उनको और प्रभावी बनाने के लिए विशेषज्ञों की राय ली जाए। जिन शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है उनके माध्यम से सभी स्कूलों के अध्यापकों को भी ट्रेनिंग दी जाए।
उत्तराखंड में किसी बड़ी आपदा के खतरे की स्थिति में लोगों को तैयार करने की खातिर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पहल की है। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए लोगों को आपदा प्रबंधन के लिए जागरूक करना बेहद जरूरी है। आगजनी की घटनाओं एवं वर्षाकाल के लिए लोगों को प्रशिक्षित करना होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आपदा की चुनौतियों का सामना करने के लिए समय-समय पर मॉक ड्रिल भी कराई जाए।
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा प्रबंधन के मद्देनजर युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाए। ग्राम सभा में भी समय-समय पर लोगों को प्रशिक्षित किया जाए। स्कूलों में आपदा प्रबंधन से संबंधित सप्ताह में एक क्लास की व्यवस्था हो। उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए लोगों को आपदा प्रबंधन के लिए जागरूक करना जरूरी है। आगजनी घटनाओं एवं वर्षाकाल के लिए लोगों को प्रशिक्षित करना जरूरी है। आपदा की चुनौतियों का सामना करने के लिए समय-समय पर मॉक ड्रिल भी कराई जाए।
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने अधिकारियों से कहा है कि आपदा प्रबंधन के लिए जो भी प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं, उनको और प्रभावी बनाने के लिए विशेषज्ञों की राय ली जाए। जिन शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है उनके माध्यम से सभी स्कूलों के अध्यापकों को भी ट्रेनिंग दी जाए। आपदा प्रबंधन के मद्देनजर संचार तंत्र को और अधिक मजबूत किया जाए। मानसून को देखते हुए सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं। आपदा के लिहाज से संवेदनशील स्थानों का चिन्हीकरण किया जाए। आपदा रिस्पांस टाइम को कम से कम करने का प्रयास किया जाए। लोगों को कोविड 19 से बचाव के लिए विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जाए।
मुक्तेश्वर और सुरकंडा में लग रहा डॉप्लर रडार
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक, मौसम से संबंधित सटीक जानकारियों के लिए मुक्तेश्वर एवं सुरकंडा में डॉप्लर रडार लगाने का कार्य चल रहा है। इस वर्ष 12321 युवक मंगल दल एवं 10908 युवक-युवतियों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया। संचार तंत्र को मजबूत करने के लिए तहसील स्तर पर 184 सैटेलाइट फोन उपलब्ध कराए गए हैं। 2012 से अब तक 27 आपदा से संवेदनशील ग्रामों के 699 परिवारों का पुनर्वास किया गया है।
गढ़वाल-कुमाऊं में लगे 184 भूकंप चेतावनी उपकरण
एसडीआरएफ के अनुसार, गढ़वाल मंडल में 84 एवं कुमाऊं मंडल में 100 भूकंप पूर्व चेतावनी तंत्र उपकरण स्थापित किए गए हैं। गंगा नदी पर कोटेश्वर से लेकर ऋषिकेश तक 8 संवेदनशील स्थानों पर बाढ़ चेतावनी तंत्र स्थापित किए गए हैं। राज्य एवं जिला स्तर पर कार्मिकों को इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम का प्रशिक्षण दिया गया है। राज्य आपदा मोचन निधि के तहत प्रदेश के सभी जनपदों को कुल 98 करोड़ रुपये, चिकित्सा शिक्षा निदेशालय को 20 करोड़ रुपये, लोक निर्माण विभाग को 30 करोड़ रुपये, पेयजल संस्थान को 20 करोड़ रुपये एवं चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग को 16 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई है।
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