योगी आदित्यनाथ के पिता आंनद सिंह बिष्ट का मंगलवार सुबह गंगा और हेवल नदी के संगम पर स्थित फूल चट्टी घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। ज्येष्ठ पुत्र मानेंद्र सिंह बिष्ट ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और बाबा रामदेव उपस्थित रहे।
परिवार के मुखिया का फर्ज होता है कि वह अपनी चिंता छोड़कर घर के सदस्यों के लिए दिन-रात मेहनत करता रहे और अगर वह मुखिया उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री हो तो परिवार और जिम्मेदारी काफी बड़ी हो जाती है। योगी आदित्यनाथ भी कोरोना संकट में प्रदेश के करोड़ों लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल और बेसहारा, गरीबों के खाने-पीने की व्यवस्था की लगातार निगरानी कर रहे हैं। ऐसे में फर्ज को आगे रखते हुए वह इस मुश्किल घड़ी में अपने पिता के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो पाए।
लखनऊ में रोजाना कोरोना पर होने वाली बैठक मंगलवार को भी जारी रही और जब सुबह सीएम इस मीटिंग में पहुंचे तो उन्होंने सबसे पहले अपने पिता को हाथ जोड़कर याद किया और श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उनके साथ बैठक में शामिल सभी अधिकारी भी मौन खड़े रहे और मुख्यमंत्री के पिता आनंद सिंह बिष्ट की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। सीएम ने अपने पिता को श्रद्धांजलि देने के बाद रोज की तरह बैठक की और अधिकारियों को निर्देश दिए।
लखनऊ में मीटिंग से पहले अपने पिता को याद करते मौन खड़े सीएम योगी व अन्य अधिकारी।
सीएम योगी के समर्पण भाव की प्रदेश ही नहीं पूरे देश में चर्चा हो रही है। प्रदेश सरकार में मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह ने लिखा, ‘कोरोना वायरस से बचाव के लिए आयोजित नियमित समीक्षा बैठक से पूर्व सीएम योगी ने पंचतत्व में विलीन अपने पूज्य पिता जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी की कर्तव्यनिष्ठा को नमन। आपके कुशल नेतृत्व में हम सब मिलकर कोरोना को परास्त करेंगे।
COVID-19 से बचाव हेतु आयोजित नियमित समीक्षा बैठक से पूर्व पंचतत्व में विलीन अपने पूज्य पिता जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए माननीय @CMOfficeUP आदरणीय श्री @myogiadityanath जी,मा.मुख्यमंत्री जी की कर्तव्य निष्ठा को नमन,आपके कुशल नेतृत्व में हम सब मिलकर कोरोना को परास्त करेंगें pic.twitter.com/U4LheFj1Ul
— Rajendra Pratap 'Moti Singh' ( Modi ka Parivar ) (@MotisinghU) April 21, 2020
एक दिन पहले भी पिता के निधन की खबर जब सीएम योगी को मिली थी तो वह बैठक कर रहे थे और उन्होंने मीटिंग जारी रखी थी। उसके बाद उन्होंने एक संदेश जारी कर कहा था कि पिता के निधन का उन्हें दुख और शोक है। अंतिम क्षणों में उनके दर्शन की हार्दिक इच्छा थी लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई को उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता के हित में आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी के कारण मैं उनके दर्शन नहीं कर सका। उन्होंने परिजनों से अपील की थी कि लॉकडाउन का पालन करते हुए पिता के अंतिम संस्कार में कम से कम लोग जाएं।
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पिता के निधन पर उन्होंने लिखा, ‘पिता के निधन का मुझे भारी दुख और शोक है। जीवन में ईमानदारी, कठोर परिश्रम और निस्वार्थ भाव से लोक मंगल के लिए समर्पित भाव के साथ कार्य करने का संस्कार बचपन में उन्होंने मुझे दिया। 21 अप्रैल को अंतिम संस्कार में लॉकडाउन की सफलता तथा महामारी को परास्त करने की रणनीति के कारण भाग नहीं ले पा रहा हूं। पूजनीय मां, पूर्वाश्रम के सभी सदस्यों से अपील है कि लॉकडाउन का पालन करते हुए कम से कम लोग अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में रहें। पूजनीय पिताजी की स्मृतियों को कोटि-कोटि नमन करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हूं। लॉकडाउन के बाद दर्शनार्थ आऊंगा।’
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट का दिल्ली के एम्स अस्पताल में सोमवार सुबह 10.44 बजे निधन हो गया। मंगलवार सुबह गंगा और हेवल नदी के संगम स्थित फूल चट्टी घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
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