यूथ फाउंडेशन के कैंपों में ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं को उसी माहौल में तैयार किया जाता है, जिस माहौल में भारतीय सेना का जवान तैयार होता है। सुबह 6 बजे से ट्रेनिंग का सिलसिला देर शाम तक चलता है।
उत्तराखंड के दुर्गम इलाके हों या मैदानी क्षेत्र, अलसुबह अगर युवाओं का समूह पूरे अनुशासन के साथ ट्रेनिंग करता दिख जाए तो निश्चित तौर पर वे यूथ फाउंडेशन के ट्रेनी ही होंगे। उत्तराखंड में यूथ फाउंडेशन आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। पहाड़ के लगभग साढ़े नौ हजार युवाओं का सेना में शामिल होने का सपना पूरा कर चुका यह संगठन एक बड़ी मंजिल के करीब है। साल 2020 में यूथ फाउंडेशन अपनी सफलता के शिखर को 10,000 के जादुई आंकड़े पर ले जाने के करीब हैं। इस समय यूथ फाउंडेशन के 8 अलग-अलग कैंपों में 1600 बच्चे प्रशिक्षण ले रहे हैं। अगर पूर्व की सफलता दर को देखा जाए तो यूथ फाउंडेशन के लिए 10,000 का आंकड़ा कोई बड़ी चुनौती नहीं है। यूथ फाउंडेशन से ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं की सफलता दर 90 फीसदी से ज्यादा है।
कर्नल (रिटा.) अजय कोठियाल की प्रेरणा से चल रहे यूथ फाउंडेशन ने बहुत कम समय में युवायों के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई है। फाउंडेशन इस समय उत्तराखंड में आठ जगहों पर प्रशिक्षण कैंप चला रहा है। रुद्रप्रयाग के अगस्तमुनि, पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार, टिहरी गढ़वाल के चौरांस, देहरादून के बालावाला और रुद्रपुर, चमोली के कर्णप्रयाग, उत्तरकाशी के ककड़ैत और नैनीताल के पीरूमदारा में यूथ फाउंडेशन के कैंप संचालित हो रहे हैं।
भारतीय सेना के सबसे जांबाज अधिकारियों में गिने जाने वाले कर्नल कोठियाल ने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में तैनाती के दौरान अपने खर्चे पर 32 बच्चों को सेना में भर्ती होने की ट्रेनिंग दी। इसमें से 28 बच्चों के सेना में चयनित हो जाने के बाद उन्होंने पूरे उत्तराखंड के युवाओं को ऐसी ही निशुल्क ट्रेनिंग देने का बीड़ा उठाया और आज उनका यह प्रयास यूथ फाउंडेशन की शक्ल में एक बड़ा आकार ले चुका है। यहां ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं को उसी माहौल में तैयार किया जाता है, जिस माहौल में भारतीय सेना का जवान तैयार होता है।
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सुबह 6 बजे से ट्रेनिंग का सिलसिला शुरू होता है, जो देर शाम तक चलता है। चिन-अप, रस्सी पर चढ़ना-उतरना और लांग जंप हर तरह के मुश्किल से मुश्किल प्रशिक्षण से सभी को गुजरना होता है। सेना के पूर्व प्रशिक्षकों के साथ ही नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की महिला प्रशिक्षक यूथ फाउंडेशन के कैंप में लड़कियों को ट्रेनिंग देती हैं। सेना में महिलाओं के लिए मिलिट्री पुलिस में भर्ती होने का रास्ता साफ होने के बाद यूथ फाउंडेशन ने उत्तराखंड से ज्यादा से ज्यादा लड़कियों से मिलिट्री पुलिस का हिस्सा बनाने का बीड़ा उठाया है। यूथ फाउंडेशन के कैंप में पहुंची लड़कियों की ट्रेनिंग कितनी कठिन होती है इसका अंदाजा इसी बात से चल जाता है कि आतंकी हमले के दौरान रूम इंटरवेंशन ड्रिल भी इन लड़कियों से कराई जाती है। इसमें लड़कियां बांस के डंडे के सहारे 30 फ़ीट ऊंची दीवार पर चढ़ती हैं।
कर्नल (रिटा.) अजय कोठियाल का कहना है, ट्रेनिंग से लड़कियां भी सेना में भर्ती होकर अपना दम खम दिखा सकेंगी। यह देश वीरांगनाओं का है। यहां नारी शक्ति का प्रतीक है। केदारनाथ आपदा के बाद पुनर्निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले कर्नल कोठियाल ने उत्तराखंड में जगह-जगह निशुल्क ट्रेनिंग कैंप शुरू कर उत्तराखंड के हजारों युवाओं को सेना में शामिल होने की राह दिखाई है। बिना किसी बड़ी वित्तीय सहायता के अब तक साढ़े नौ हजार से ज्यादा स्थानीय युवा कैंपों में प्रशिक्षण लेकर गढ़वाल, कुमाऊं रेजीमेंट, अन्य सैन्य बलों और अर्धसैन्य बलों का हिस्सा बना चुके हैं। 2020 में यूथ फाउंडेशन का लक्ष्य 10,000 के आंकड़े को छूना है।
5 comments
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Sunali rawat
October 12, 2020, 7:35 pmHme bhi youth foundation join krna h .
REPLYKese kare any idea??
Lalit yadav
November 29, 2020, 9:40 amसर मुझे ज्वाइन करना है प्लीज़ सर मेरा आखरी साल है मेरे सपने को पूरा करने का मै मिडल क्लास फैमिली से हूं सर ज्यादा अच्छी सुविधाएं नहीं ले सकता मुझे उम्मीद है आप मेरी हेल्प करेंगे
9559590102 my what’s app and parsnl number
Please help me sir
REPLY?????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????
Lucky singh Rawat
June 2, 2021, 8:27 amI’m interested army
REPLYTanveer
October 13, 2021, 7:45 pmAmkoti Pauri Garhwal
REPLYBishal Basnet
January 23, 2022, 5:06 pmHow can i join the youth foundation
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