डीआरडीओ की मदद से कुमांऊ क्षेत्र के हल्द्वानी और गढ़वाल क्षेत्र के ऋषिकेश में 500—500 बिस्तर की क्षमता वाले दो अस्थायी अस्पताल बनने जा रहे हैं। एक अस्पताल हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज परिसर में बनेगा वहीं आईडीपीएल ऋषिकेश में बनने वाला अस्पताल एम्स ऋषिकेश संचालित करेगा। हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में भी ऑक्सीजन सपोर्टेड 400 बेड तैयार किए जाएंगे।
उत्तराखंड में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) भी मदद को आगे आया है। डीआरडीओ की मदद से अगले कुछ समय में उत्तराखंड में 1400 ऑक्सीजन एवं आईसीयू बेड की व्यवस्था की जाएगी। उत्तराखंड में अप्रैल महीने में कोरोना संक्रमण के मामलों में बेतहाशा वृद्धि हुई है
प्रदेश सरकार ने पिछले दो दिनों में सात अतिरिक्त अस्पतालों की व्यवस्था करते हुए 739 बेड बढ़ाए हैं। इनमें 700 ऑक्सीजन बेड और 39 आईसीयू बेड हैं, लेकिन तेजी से बढ़ रहे मामलों को देखते हुए ये उपाय काफी कम पढ़ रहे हैं। ऐसे में अब राज्य में डीआरडीओ की मदद से 1400 अतिरिक्त बेड उपलब्ध कराए जाएंगे।
स्वास्थ्य सचिव पंकज कुमार पांडेय के मुताबिक, इस समय प्रदेश में 12 कोविड अस्पताल, 62 डेडीकेटेड कोविड सेंटर और 385 कोविड केयर सेंटर काम कर रहे हैं। राज्य के अस्पतालों में 17 हजार के करीब बिस्तर हैं जिनमें से 5500 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, 1302 आईसीयू बेड, 774 वेंटिलेटर कोविड के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के केंद्र सरकार से अनुरोध के बाद डीआरडीओ की मदद से कुमांऊ क्षेत्र के हल्द्वानी और गढ़वाल क्षेत्र के ऋषिकेश में 500—500 बिस्तर की क्षमता वाले दो अस्थायी अस्पताल बनने जा रहे हैं। एक अस्पताल हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज परिसर में बनेगा, जिसे सुशीला तिवारी अस्पताल संचालित करेगा। आईडीपीएल ऋषिकेश में बनने वाला अस्पताल एम्स ऋषिकेश संचालित करेगा।
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हल्द्वानी में बनने वाले अस्थायी अस्पताल में 400 ऑक्सीजन बेड और 100 आईसीयू बेड होंगे जबकि जबकि आईडीपीएल ऋषिकेश में 500 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड होंगे । इसके अतिरिक्त राज्य सरकार की मदद से एम्स ऋषिकेश में 100 आईसीयू बेड अलग से बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि हिमालय अस्पताल जौलीग्रांट में भी डीआरडीओ की मदद से ऑक्सीजन सपोर्टेड 400 बेड तैयार हो जाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों के भीतर डीआरडीओ की मदद से ऑक्सीजन और आईसीयू सपोर्टेड 1400 नए बिस्तर तैयार हो जाएंगे।’
उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में रेमडेसिवीर इंजेक्शन का पर्याप्त कोटा है। सचिव ने कहा कि प्रदेश में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की पर्याप्त व्यवस्था है और राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिखते हुए अतिरिक्त इंजेक्शन की भी मांग की है । उन्होंने कहा कि दवाओं की कालाबाजारी के लिए नियंत्रण कक्ष बनाया गया है तथा इंजेक्शन एवं ऑक्सीजन सिलेंडर के दाम तय कर दिए गए हैं।
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पांडेय ने कहा कि सरकार ने कोविड संबंधी व्यवस्थाओं के लिए नोडल अधिकारी तैनात कर दिए हैं जबकि सरकार ने रैपिड एंटीजन टेस्ट की दर को भी कम करते हुए अब मात्र 300 रुपये कर दिया है। इससे पहले, दिन में मुख्यमंत्री रावत ने 132 एंबुलेंस को सभी 13 जिलों के लिए रवाना किया। इनमें 36 एडवांस लाइफ सपोर्ट एवं 96 बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस हैं।
सूबे में कोरोना की रफ्तार लगातार बढ़ती जा रही है। प्रदेश में पहली बार 24 घंटे के भीतर 6251 नए मामले आए हैं। वहीं कोरोना संक्रमित 85 मरीजों की मौत हुई है। इसके साथ ही एक्टिव केस की संख्या भी 48 हजार के पार हो गई है। अकेले अप्रैल महीने में अब तक 74456 लोग संक्रमित हुए हैं, जबकि 785 मरीजों की मौत हो चुकी है।
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