अद्भुत, अलौकिक, अविस्मरणीय…. कुंभ में जब धूमधाम से निकली जूना, किन्नर अखाड़ों की पेशवाई

अद्भुत, अलौकिक, अविस्मरणीय…. कुंभ में जब धूमधाम से निकली जूना, किन्नर अखाड़ों की पेशवाई

अखाड़ों के संतों के कुंभ मेले में पहुंचने से हरिद्वार में गंगा तट पर रौनक बढ़ गई है। हरिद्वार में पहली बार किन्नर अखाड़े की पेशवाई निकली तो देखने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। गुरुवार को पंचदशनाम जूना अखाड़ा और किन्नर अखाड़े की भव्य पेशवाई सड़कों पर दिखी तो लोगों ने यही कहा…अद्भुत, अलौकिक, अविस्मरणीय।

हरिद्वार में पतित पावनी मां गंगा के तीरे कुंभ की अलौकिक छटा देखने को मिल रही है। भले ही कुंभ मेला तारीख के हिसाब से शुरू होने में समय है पर वहां की रौनक बढ़ गई है। गुरुवार को श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंच अग्नि अखाड़ा और किन्नर अखाड़ा की भव्य पेशवाई निकली।

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जूना अखाड़े की पेशवाई ज्वालापुर के पांडे वाला में गुघाल मंदिर से शुरू हुई। रास्ते में लोग अपने-अपने घरों के आगे या छतों से संत, महात्माओं का आशीर्वाद लेते नजर आए।

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इस बार जूना अखाड़े के साथ पेशवाई में पहली बार किन्नर अखाड़ा भी शामिल हुआ।

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किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी समेत अन्य ऊंट पर सवार होकर निकले तो देखने वालों की भीड़ लग गई। स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि लैंगिक भेदभाव किन्नरों से बेहतर कोई नहीं जानता है। वह समाज के तानों को झेलते है। किन्नरों ही नहीं, समाज से ठुकराई गई महिलाओं और पुरुषों के लिए भी किन्नर अखाड़े के दरवाजे हमेशा खुले हैं।

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आगे देखिए पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंच अग्नि अखाड़ा और किन्नर अखाड़ा की भव्य पेशवाई की कुछ झलकियां।

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कुंभ में संतों का स्वागत करने के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी थी। जब अखाड़ों की पेशवाई निकली तो हेलिकॉप्टर से संतों पर पुष्प वर्षा कर उनका भव्य अंदाज में स्वागत और अभिनंदन किया गया।

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