उत्तरकाशी निवासी युवा उद्यमी आमोद पंवार ने अपने गांव इंद्रा टिपरी में 200 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट को स्थापित किया है। इस प्लांट से सालाना औसतन 3 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। खास बात यह है कि इस बिजली को अगले 25 साल तक यूपीसीएल खरीदेगा।
मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना राज्य के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस योजना के तहत राज्य सरकार की कोशिश 10 हजार युवाओं को सोलर प्लांट के जरिये स्वरोजगार से जोड़ने की है। इसी कड़ी में सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने चिन्यालीसौड़ के इंद्रा टिपरी में 200 किलोवाट क्षमता के सोलर ऊर्जा प्लांट का लोकार्पण किया।
उत्तरकाशी निवासी युवा उद्यमी आमोद पंवार ने अपने गांव इंद्रा टिपरी में 200 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट को स्थापित किया है। इस प्लांट से सालाना औसतन 3 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। खास बात यह है कि इस बिजली को अगले 25 साल तक यूपीसीएल खरीदेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति ने हमें जो संसाधन उपलब्ध कराए हैं, उनका सही तरीके से उपयोग करना होगा ताकि राज्य समृद्ध बन सके। उन्होंने कहा कि राज्य में स्वरोजगार के लिए हमारी सरकार ने बड़े स्तर पर पहल की है। इसी क्रम में सोलर फार्मिंग के कांसेप्ट पर भी काम किया जा रहा है। ‘मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’ के माध्यम से लोगों को स्वयं के उद्यम प्रारंभ करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसी के तहत ‘मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना’ में 10 हजार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने पहाड़ी उत्पाद ककड़ी, पत्यूड, गहत और तिल के पकोड़े, झगोरें की खीर का स्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ी व्यंजनों के उत्पाद हमारी पौराणिक विरासत की पहचान हैं, जिसे आज भी हम लोग संजोए हुए हैं। पहाड़ी उत्पादकों के माध्यम से आजीविका को संवर्धन देना बेहद जरूरी है। यह हमारी पहचान है। इसमें स्वरोजगार की असीम संभावना है।
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उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को जिला योजना धनराशि से 40 प्रतिशत रकम पशुपालन, कृषि, मत्स्य, मौन पालन जैसी स्वरोजगार योजनाओं में खर्च करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार की कोशिश है कि स्वरोजगार की दिशा में अधिक से अधिक उद्यमी अपनी आजीविका को सुदृढ़ कर सकें। उन्होंने कहा कि दस हजार मोटर बाइक टैक्सी की स्वीकृति दी गई है जिस पर 2 साल तक किसी भी तरह का ब्याज नहीं देना पड़ेगा राज्य सरकार स्वयं निर्वहन करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, दूरसंचार, बिजली, पानी,आदि उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार निरंतर काम कर रही है। जल्द ही हिमालयन मीट (बकरे का मीट) की ब्रांडिंग करने वाले हैं। प्रकृति ने जो संसाधन हमें उपलब्ध कराए हैं उनका सही तरीके से उपयोग करें तो रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कैम्पा के माध्यम से आग बुझाने, पेयजल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करने आदि कामों में बड़े पैमाने पर रोजगार की व्यवस्था की गई है। स्वरोजगार की दिशा में ग्रीन एनर्जी क्षेत्र में निवेश कर उद्यम स्थापित करने के लिए राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत सहायता कर रही है। कोई भी व्यक्ति सोलर प्लांट, व पिरूल प्लांट की स्थापना कर सकता है।
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उत्तराखंड में पिरूल से बिजली बनना शुरू, सीएम त्रिवेंद्र ने उत्तरकाशी में किया परियोजना का लोकार
September 30, 2020, 10:31 pm[…] सौर स्वरोजगार योजना से 10,000 युवाओं को मि… […]
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