उत्तराखंड सरकार द्वारा रेलवे को 1 करोड़ रुपये एडवांस में जमा किए जा चुके हैं। सूरत से काठगोदाम और पुणे से हरिद्वार ट्रेन आ चुकी है। बैंगलोर से हरिद्वार स्पेशल रेल 1200 यात्रियों को लेकर 13 मई की देर रात्रि तक पहुंचेगी।
लॉकडाउन के कारण कई राज्यों में फंसे उत्तराखंडियों को लाने का सिलसिला जारी है। बड़ी संख्या में प्रवासी अपने घर लौटना चाहते हैं। अभी तक अन्य राज्यों से उत्तराखंड आने के लिए 1,98,584 प्रवासी पंजीकरण करा चुके हैं। 11 मई तक विभिन्न राज्यों से 51,394 लोग उत्तराखंड आ चुके हैं। सरकार की कोशिश है ज्यादा से ज्यादा लोगों को जल्द से जल्द दूसरे राज्यों से उनके घर-गांव तक पहुंचा दिया जाए।
प्रवासियों की वापसी के अभियान के लिए नोडल अधिकारी बनाए गए सचिव शैलेश बगोली ने प्रेस ब्रीफिंग में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अभी तक वापस आने वालों में हरियाणा से 13799, उत्तर प्रदेश से 11957, दिल्ली से 9452, चंडीगढ़ से 7163, राजस्थान से 2981, पंजाब से 2438, गुजरात से 1060 और अन्य राज्यों से आए 1032 प्रवासी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों को जाने के लिए 29975 लोगों ने पंजीकरण कराया है, इनमें से 11 मई तक 9970 लोग जा चुके हैं। उत्तराखंड के विभिन्न जिलों से दूसरे जिलों को आने व जाने वाले व्यक्तियों की संख्या 52,621 है।
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रेलवे के पास जमा कराए एक करोड़ रुपये
उत्तराखंड सरकार द्वारा रेलवे को 1 करोड़ रुपये एडवांस में जमा किए जा चुके हैं। सूरत से काठगोदाम और पुणे से हरिद्वार ट्रेन आ चुकी है। इसके अलावा सूरत से हरिद्वार स्पेशल रेल मंगलवार देर रात्रि तक पहुंचने की संभावना है। बैंगलोर से हरिद्वार स्पेशल रेल 1200 यात्रियों को लेकर 13 मई की देर रात्रि तक पहुंचेगी। गुजरात, तेलंगाना आदि राज्यों से फंसे हुए व्यक्तियों को रेल से लाने की प्रक्रिया गतिमान है। उत्तराखंड सरकार, रेलवे और संबंधित राज्य सरकारों के संपर्क में है।
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मीडिया द्वारा पूछे जाने पर सचिव बगोली ने बताया कि बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जो रजिस्ट्रेशन करा लेते हैं, परंतु बाद में आने के इच्छुक नहीं होते हैं। रजिस्ट्रेशन कराने वालों से पहले पूछा जाता है, उसी के अनुसार प्लान किया जाता है। चलने से पूर्व सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाती है, पहुंचने के बाद भी दोबारा स्क्रीनिंग की जाती है। भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी की जाती हैं।
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