सीएम पुष्कर सिंह धामी ने नरेंद्र सिंह नेगी के 73वें जन्मदिन पर उनके जीवन चरित्र पर आधारित पुस्तक ‘सृजन से साक्षात्कार’ का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी, मोहन उप्रेती, गिरीश तिवारी गिरदा, हीरा सिंह राणा, शमशेर सिंह, जीत सिंह नेगी, चंद्र सिंह राही सहित प्रदेश के अन्य प्रमुख लोक संस्कृति के रचनाकारों, लोकगायकों के जीवन परिचय एवं रचनाओं का अभिलेखीकरण कर पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम आवास में प्रसिद्ध लोकगायक एवं गीतकार नरेंद्र सिंह नेगी के जीवन दर्शन, कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर आधारित पुस्तक ‘सृजन से साक्षात्कार’ का विमोचन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी, मोहन उप्रेती, गिरीश तिवारी गिरदा, हीरा सिंह राणा, शमशेर सिंह, जीत सिंह नेगी, चंद्र सिंह राही सहित प्रदेश के अन्य प्रमुख लोक संस्कृति के रचनाकारों, लोकगायकों के जीवन परिचय एवं रचनाओं का अभिलेखीकरण कर पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा। यह कार्य सूचना विभाग अथवा संस्कृति विभाग द्वारा किया जाएगा।
नरेंद्र सिंह नेगी को उनके 73वें जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से उन्हें पद्म पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए भारत सरकार को संस्तुति प्रेषित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि समृद्ध लोक संस्कृति एवं सामाजिक सरोकारों को अपने गीतों एवं संगीत के माध्यम से देश एवं दुनिया तक पहुंचाने का कार्य नेगी जी ने किया है। वे वास्तव में समाज के सफल नायक के रूप में रहे हैं। उनके गीत राज्यवासियों को अपनी परंपराओं से जोड़ने में मददगार रहे हैं। नेगी जी ने गढ़वाल, कुमाऊं, जौनसार क्षेत्र ही नहीं पूरे उत्तराखंड की लोक संस्कृति को बढ़ावा देने का कार्य किया है। उत्तराखंड की पहचान बनायी है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि नेगी जी अपनी विशिष्ट रचना धर्मिता से समाज को और बेहतर दिशा देने का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि नेगी जी ने अपनी रचनाओं के माध्यम से सही को सही और गलत को गलत बताने का भी संदेश दिया। ऐसे प्रयासों की समाज को जरूरत भी रहती है।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा एवं चिकित्सा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने भी लोक संस्कृति को बढ़ावा देने में नरेंद्र सिंह नेगी के प्रयासों की सराहना की। वहीं नरेंद्र सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज के चेहरे पर मुस्कराहट लाने का उनका प्रयास जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि उनका सदैव प्रयास रहा कि प्रदेश के बाहर नहीं अपने प्रदेश में रहकर अपने लोगों की दुस्वारियों एवं पीड़ा को समाज के सामने ला सकूं। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी वे अपने गीतों के माध्यम से समाज की सेवा करते रहेंगे।
इस अवसर पर डा. योगेश धस्माना, डा. नंद किशोर हटवाल, गणेश खुगसाल गणी, संजय दरमोड़ा ने भी नेगी जी के कृतित्व एवं व्यक्तिव पर प्रकाश डाला तथा उन्हें शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर दिनेश शास्त्री, विपिन बलूनी, रामचरण जुयाल, ओपी बेंजवाल, मनोज इष्टवाल, कीर्ति नवानी के साथ ही बड़ी संख्या में संस्कृति व सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोग उपस्थित थे।
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