उत्तराखंड आपदा में भारी नुकसान, 7 शव मिले, CM रावत ने किया 4-4 लाख रुपये मदद का ऐलान

उत्तराखंड आपदा में भारी नुकसान, 7 शव मिले, CM रावत ने किया 4-4 लाख रुपये मदद का ऐलान

7 फरवरी को उत्तराखंड आपदा में काफी नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी जब खबर लगी तो उन्होंने सीएम रावत से फोन पर बात कर चिंता व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने मृतक आश्रितों को 02-02 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा भी की है।

चमोली/देहरादून

उत्तराखंड के लिए रविवार का दिन बेहद भयावह रहा। प्रदेश ने साढ़े सात वर्षों के बाद एक बार फिर आपदा की भयावहता देखी। चमोली के रैणी इलाके से पानी की वो आवाज किसी को भी भयभीत कर सकती है। ग्लेशियर टूटने से आई आपदा में 125 लोगों के बारे में कोई खबर नहीं है। राहत एवं बचाव अभियान युद्ध स्तर पर जारी है। रविवार रात 8 बजे तक कुल 7 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। शाम को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खुद घटनास्थल पर जाकर जायजा लिया और मारे गए लोगों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये देने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जोशीमठ के रैणी क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से आई भीषण आपदा के तुरन्त बाद मौके का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। घटनास्थल से लौटने के बाद सचिवालय स्थित मीडिया सेन्टर में पत्रकारों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ क्षेत्र में ग्लेशियर फटने की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन एवं एसडीआरएफ की टीम राहत एवं बचाव कार्यों के लिए घटना स्थल पर पहुंची। वह खुद गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन एवं डीआईजी गढ़वाल श्रीमती नीरू गर्ग के साथ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे।

 

NTPC की परियोजना को नुकसान

CM ने जिलाधिकारी चमोली से पूरी जानकारी ली है। मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश एवं सचिव आपदा प्रबंधन श्री एस.ए.मुरूगेशन ने आपदा प्रबन्धन केन्द्र सचिवालय में मौजूद रहकर लगातार स्थिति पर नजर रखी तथा आवश्यक दिशानिर्देश जिलाधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा से रैणी के समीप स्थित ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा है। साथ ही तपोवन स्थित एनटीपीसी की विद्युत परियोजना को भी कुछ नुकसान हुआ है।

मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की मदद

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस आपदा में प्रारम्भिक अनुमान के अनुसार करीब 125 लोग लापता है। रैणी क्षेत्र के 5 लोगों को जान गंवानी पड़ी है। अब तक सात लोगों के शव बरामद किये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि मृतकों के आश्रितों को तात्कालिक रूप में 4-4 लाख की आर्थिक सहायता मंजूर की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा पहला उदेद्श्य जान माल की सुरक्षा का है। ऋषिगंगा व एनटीपीसी द्वारा उन्हें हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

एक बड़ा पुल और 4 छोटे पुल भी क्षतिग्रस्त

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस क्षेत्र में एक बड़ा तथा 4 छोटे पुलों को नुकसान पहुंचा है। इससे प्रभावित लगभग 11 गांवों को आवश्यक सहायता आदि उपलब्ध कराने के लिये आर्मी हेलीपैड एवं एसडीआरएफ के जवानों के साथ ही आर्मी एवं राज्य सरकार के हेलीकाप्टरों की व्यवस्था के साथ ही आवश्यक चिकित्सा सुविधा के लिए डाक्टरों की भी व्यवस्था की गई है।

Video: उत्तराखंड में चमोली में ग्लेशियर टूटा, भारी तबाही की आशंका

मुख्यमंत्री ने बताया कि रैणी के निकट नीति घाटी को जोड़ने वाली सड़कों एवं पुलों को हुए नुकसान से जिन गांवों का सड़क से सम्पर्क टूट गया है उनमें गहर, भंग्यूल, रैणी पल्ली, पैंग, लाता, सुराईथोटा, तोलमा, फगरासु आदि गांव शामिल है, तथा पुलों में रैणी में जुगजू का झूला पुल, जुवाग्वाड-सतधार झूलापुल, भग्यूल-तपोवन झूलापुल तथा पैंग मुरण्डा पुल बह गया है। रैणी मे शिवजी व जुगजू मे मां भगवती मंदिर भी आपदा मे बह गए है।

… पर घबराएं नहीं, अब स्थिति काबू में
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अब स्थिति नियंत्रण में है, खतरे वाली बात नहीं है। विद्युत परियोजना की सुरंग में मलबा अंदर तक जमा है और सुरंग तक पहुंचना अत्यंत कठिन था। मशीन का सुरंग में जाना मुश्किल था, इसलिए आईटीबीपी के जवान रोप के सहारे वहां पहुंचे। सुरंग में 35-40 फीट गाद जमा है। 250 मीटर लंबी इस सुरंग में अपने हौसले के जरिए जवान 150 मीटर तक पहुंच चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीआरएफ की टीम दिल्ली से आई है और सोमवार को और जवान आएंगे। आर्मी, पैरामिलिट्री फोर्स और हमारे डाॅक्टर आपदा स्थल पर तैनात किए गए हैं। ऐरियल सर्वे कर उन्होंने स्वयं स्थिति का जायजा लिया। किसी भी प्रकार की जरूरत पड़ने पर वहां आर्मी, वायुसेना और राज्य के हेलीकाॅप्टर तैनात कर दिए हैं। हमारी मेडिकल टीम हर परिस्थिति के लिए तैयार है और 90 जवानों को भी वहां पहुंचा दिया गया है।

पीएम मोदी का भी आया फोन
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जब खबर लगी तो उन्होंने उनसे फोन पर बात कर चिंता व्यक्त की और कहा कि वह मदद के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री ने मृतक आश्रितों को 02-02 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा भी की है। राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द के साथ ही गृहमंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने भी हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

आचार्य बालकृष्ण ने सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि वे अनाथ बच्चों को गोद लेने के लिए तैयार हैं और हर स्थिति में सरकार के साथ हैं। शान्तिकुंज एवं विवेकानन्द अस्पताल पीपलकोटी ने भी सहयोग का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री ने इस भीषण आपदा से उत्पन्न स्थिति के सम्बन्ध में अफवाह फैलने से बचाने में योगदान देने के लिए मीडिया को भी धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जरूरत की पूर्ति करने की पूरी व्यवस्था हमारे पास है। हमारे पास रेस्क्यू टीम, मेडिकल, हेलीकाॅप्टर, एक्सपर्ट पर्याप्त मात्रा में है। सरकार का पूरा ध्यान जिनका जीवन बचा सकते हैं, उनकी ओर है। उन्होंने बताया कि रुद्रप्रयाग के करीब पानी स्वच्छ है। उन्होंने कहा कि आपदा की सूचना मिलते ही श्रीनगर जल विद्युत परियोजना के बांध से पानी खाली कर दिया गया था। साथ ही गंगा व अलकनंदा के किनारे तुरंत हाई अलर्ट जारी कर दिया गया था।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने सचिवालय स्थित आपदा प्रबन्धन केन्द्र का भी निरीक्षण किया तथा शासन के उच्चाधिकारियों के साथ आपदा से उत्पन्न स्थिति पर विचार विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि आपदा प्रभावित क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों की निरन्तर निगरानी की जाय। उन्होंने कहा कि इसके लिए वांछित धनराशि की अविलम्ब व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव अमित नेगी, एस.ए मुरूगेशन, आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन, डीआईजी श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल, महानिदेशक सूचना डाॅ. मेहरबान सिंह बिष्ट आदि उपस्थित थे।

जोशीमठ के रैणी क्षेत्र में आई इस भीषण आपदा में बचाव व राहत कार्यों के सम्बन्ध में आईटीबीपी के कमांडेंट शेंदिल कुमार ने बताया कि आईटीबी के 250 जवान रेस्क्यू स्थल पर पहुंच कर रेस्क्यू ऑपरेशन कर रहे हैं, जिसमें मेडिकल ऑफिसर सहित आठ ऑफिसर भी शामिल हैं। एनटीपीसी पावर हाउस के आस पास के इलाके में कार्य कर रहे हैं। 10 से 15 लोग टनल में कहीं फंसे हैं, अभी अनुमान है कि ये लोग जिंदा है। इनको निकालने के प्रयास किये जा रहे हैं।

गौचर में आईटीबीपी की आठवीं बटालियन की दो टीमें जिसमें 90 जवान हैं, घटना स्थल के लिए निकल चुके हैं। इसके अलावा गौचर एवं देहरादून में एक-एक कम्पनी आदेश की प्रतीक्षा कर रही हैं। उत्तरकाशी में मातली एवं महिडाण्डा में भी एक-एक कम्पनी इस टास्क के लिए तैयार है। इसके अलावा स्पेशलिस्ट माउंटयरिंग एवं स्कीइंग इंस्ट्टीयूट औली की दो टीमें तपोवन एरिया में पहुंच चुकी हैं।

सेना के कर्नल एस. शंकर ने बताया कि जोशीमठ से सेना के 40 जवानों का एक दल तपोवन पहुंच गया है। एक दल जोशीमठ में है। दो सैन्य दल औली से जोशीमठ के लिए रिलीफ ऑपरेशन के लिए आ चुके हैं। रुद्रप्रयाग में दो सैन्य दल तैयार रखे गये हैं। एक इंजिनियरिंग टास्क फोर्स जोशीमठ से तपोवन पहुंच गया है। 02 मेडिकल अफसर एवं दो एम्बुलेंस तपोवन पहुंच चुके हैं। आर्मी का हैलीपैड सिविल एडमिनिस्ट्रेशन के लिए चालू है। कम्यूनिकेशन के लिए सिविल लाइन चालू है। बरेली से दो हेलीकाॅप्टर भी जोशीमठ पहुंच गए हैं।

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