उत्तराखंड के कई जिलों में अगले 24 घंटे के दौरान भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है। मौसम विशेषज्ञों ने राजधानी देहरादून, पौड़ी, नैनीताल समेत कई जिलों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना जताई है। ऐसे में मौसम विभाग ने शुक्रवार
उत्तराखंड के कई जिलों में अगले 24 घंटे के दौरान भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है। मौसम विशेषज्ञों ने राजधानी देहरादून, पौड़ी, नैनीताल समेत कई जिलों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना जताई है। ऐसे में मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है। टिहरी, चंपावत और पिथौरागढ़ में भी भारी बारिश के आसार हैं।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि राज्य के ज्यादातर जिलों में तेज गर्जना के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। आकाशीय बिजली गिरने की भी आशंका है। ऐसे में भारी बारिश वाले जिलों में संबंधित जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन विभाग अलर्ट हो गया है। लोगों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि अचानक भारी बारिश से बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है।
बताया जा रहा है कि अगले 24 घंटे में राज्य के मैदानी क्षेत्रों में 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है।
मॉनसून पर गलत साबित हुआ पूर्वानुमान
इस बार मॉनसून अजीब रंग दिखा रहा है। वैज्ञानिकों ने 13 जून को मॉनसून के उत्तराखंड पहुंचने की भविष्यवाणी की थी और संभावना जताई थी कि मॉनसून की सक्रियता के साथ ही पहाड़ से लेकर मैदान तक जबरदस्त बारिश होगी। हालांकि मौसम की चाल अब तक समझी नहीं जा सकी।
बीते 15 दिनों में पहाड़ से लेकर मैदान तक न भीषण गर्मी पड़ी है। लोग बेसब्री से बारिश का इंतजार कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में यह पहली बार है, जब मॉनसून के समय में लोगों को जबरदस्त गर्मी का सामना पड़ा और बारिश नहीं हुई।
पारा 36 डिग्री के पार
उधर, गुरुवार को भी पारा 35 डिग्री के पार पहुंच गया। गुरुवार को अधिकतम तापमान 36.4 डिग्री दर्ज किया गया। वैसे तो राजधानी दून और आसपास के इलाकों में दिन भर आसमान में बादल छाए रहे, लेकिन तापमान अधिक होने की वजह से गर्मी से राहत नहीं मिली। मौसम वैज्ञानिकों का पूर्वानुमान सच हुआ तो अगले 24 घंटे में बारिश से मौसम खुशनुमा हो जाएगा।
शुक्रवार तड़के मलबा आने से बदरीनाथ हाईवे बाधित हो गया है। मार्ग खोलने के प्रयास जारी हैं। श्रीनगर से करीब सात किमी दूर चमधार में मलबा आने से मार्ग बंद है।
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