Gairsain news : गैरसैंण में विधानसभा का सत्र चल रहा है और हजारों की तादाद में अपनी मांग को लेकर लोग प्रदर्शन के लिए जमा हो जाते हैं। पुलिस के साथ धक्कामुक्की होती है, पथराव होता है तो पुलिस को लाठियां पटकनी पड़ती हैं। इस दौरान दोनों तरफ से लोग घायल हो जाते हैं, पर इन सबकी असली वजह क्या है?
विरोध या आंदोलन आमतौर पर अपनी बात को सामने रखने या यूं कहें कि अपनी मांगें मनवाने का एक माध्यम हो सकता है, पर उत्तराखंड के गैरसैंण में एक दिन पहले हुए बवाल का अलग ही पहलू सामने आ रहा है। जी हां, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि जिस मांग के लिए प्रदर्शन हो रहा था, वह पहले ही पूरी की जा चुकी है। हालांकि प्रदर्शनकारियों का कहना है कि घोषणा भले ही हो गई हो पर अभी तक शासनादेश जारी नहीं किया गया है। ऐसे में हम सरकार की बातों पर भरोसा नहीं कर सकते। करीब 3 महीने पहले गांव से यह मांग उठी थी और बीते 50 दिनों से अनशन चल रहा था।
सोमवार को प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ धक्कामुक्की हुई। लोग दिवालीखाल में जबरन बैरियर हटाने का प्रयास करने लगे। पत्थरबाजी शुरू हो गई। ऐसे में हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठियां पटकनी पड़ीं। इसका वीडियो भी काफी वायरल हुआ है। बहरहाल, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि इस मांग से जुड़ी घोषणा तो वह पहले ही कर चुके हैं।
गैरसैण के समीप दीवालीखाल में घाट ब्लाक के लोगों द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों व पुलिस प्रशासन के बीच घटित घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और इसको गंभीरता से लिया गया है।सम्पूर्ण घटना की मजिस्ट्रेटी जांच कराए जाने के निर्देश दे दिए हैं; दोषियों को नहीं छोड़ा जाएगा।
— Trivendra Singh Rawat ( मोदी का परिवार) (@tsrawatbjp) March 1, 2021
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज ट्वीट कर प्रदेश की जनता को बताया है कि वह नंदप्रयाग-घाट मार्ग के चौड़ीकरण की घोषणा पहले ही कर चुके हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जब मांगें पहले ही मान ली गईं और उस दिशा में आगे काम चल रहा है तो फिर इस हंगामे की वजह क्या थी? कहीं यह चुनाव से पहले माहौल बनाने की सियासी साजिश तो नहीं? सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने भी इस ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंदाज में प्रदर्शनकारियों के शामिल कुछ लोगों को आंदोलनजीवी कहा है।
सीएम ने प्रदर्शन पर सवाल भी उठाए और जांच का भरोसा भी दिया
CM ने लिखा- दिवालीखाल, गैरसैंण की घटना के जांच के आदेश दिए जा चुके हैं। मेरे द्वारा नंदप्रयाग-घाट मार्ग के चौड़ीकरण की घोषणा पहले ही की जा चुकी थी। एक और विचारणीय बात ये है कि मैंने सल्ट दौरे के दौरान प्रदेश के विकासखंड मुख्यालय तक की सभी सड़कों को 1.5 लेन चौड़ीकरण किए जाने की घोषणा की थी। इसको देखते हुए मेरा अपने सभी भाई-बहनों से अनुरोध है कि आप पेशेवर आंदोलनजीवियों के बहकावे में ना आएं। आपकी सरकार प्रदेश के सभी क्षेत्रों एवं नागरिकों के विकास के लिए पूरी ईमानदारी से कार्य कर रही है। मैं विश्वास दिलाता हूं कि निष्पक्ष जांच के बाद दोषियों को उचित दंड दिया जाएगा।
इस को देखते हुए, मेरा अपने सभी भाई-बहनों से अनुरोध है कि आप पेशेवर आंदोलनजीवियों के बहकावे में ना आएँ। आपकी सरकार प्रदेश के सभी क्षेत्रों एवं नागरिकों के विकास हेतु पूरी ईमानदारी से कार्य कर रही है। मैं विश्वास दिलाता हूँ कि निष्पक्ष जाँच पश्चात दोषियों को उचित दंड दिया जाएगा।
— Trivendra Singh Rawat ( मोदी का परिवार) (@tsrawatbjp) March 2, 2021
पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल
हालांकि प्रदर्शन कैसा भी हो, सवाल पुलिस की कार्यवाही पर भी उठ रहे हैं। अचानक 5000 लोगों की भीड़ पहाड़ पर जुट गई और पुलिस के खुफिया तंत्र को पता ही नहीं था। हालात को संभालने के लिए पहले से प्लान तैयार क्यों नहीं था, हजारों की भीड़ जमा हो तो सड़क पर लाठी पीटने की बात कहकर अपनी जिम्मेदारियों से पीछा नहीं छुड़ाया जा सकता है। लाठीचार्ज में जिन लोगों को चोट लगी है, उनका दोष क्या था। कुछ महिलाएं लाठीचार्ज के दौरान गिरकर घायल हो गई थीं।
सोमवार को नंदप्रयाग-घाट मार्ग के चौड़ीकरण की मांग को लेकर सैकड़ों गाड़ियों में आए लोग विधानसभा का घेराव करने आगे बढ़ने लगे। जंगलचट्टी में पहुंचे तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका पर प्रदर्शनकारी बैरियर पार कर आगे बढ़ चले। दिवालीखाल में पुलिस ने रोका तो बवाल बढ़ गया।
पर्यावरण वाला पहलू भी है….
स्थानीय लोगों ने गैरसैंण के पास घाट से नंदप्रयाग तक 19 किलोमीटर सड़क चौड़ी करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और उन पर लाठीचार्ज भी किया। इसका दूसरा पहलू यह है कि एक तरफ पर्यावरण को बचाने की बात होती है, सड़कों को ज्यादा चौड़ी न करने देने के लिए कोर्ट तक लड़ाई लड़ी जाती है तो दूसरी तरफ सड़क चौड़ीकरण के लिए इतना बड़ा बवाल हो जाता है।
प्रदेश के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा है कि जो घटना गैरसैंण में घटी है, वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। पथराव में कुछ पुलिस कर्मियों को भी चोटें आई हैं। मैं आश्वस्त करना चाहूंगा कि हम घटना की पूर्णतया निष्पक्ष जांच कराएंगे एवं दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
आज जो घटना गैरसैंण में घटी है, वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है । पथराव में कुछ पुलिस कर्मियों को भी चोटें आई हैं । मैं आश्वस्त करना चाहूँगा कि हम घटना की पूर्णतयः निष्पक्ष जांच कराएंगे एवं दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे ।
— Ashok Kumar IPS (@AshokKumar_IPS) March 1, 2021
उधर, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरीश रावत ने कहा है कि गैरसैंण में नंदप्रयाग-घाट सड़क की मांग कर रहे आंदोलनकारियों पर पुलिस द्वारा किए गए बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज की घोर निंदा करता हूं। नंदप्रयाग-घाट क्षेत्र के लोग लंबे समय से सड़क की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। नंदप्रयाग घाट क्षेत्र के लोगों पर सरकार ने पुलिस से बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज कराकर अपनी कायरता का परिचय दिया है, जिसमें हमारी कई माताएं-बहनें भी बुरी तरह घायल हुई हैं, इसकी जितनी भी निंदा की जाय वो कम है।
पुलिस से बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज कराकर अपनी कायरता का परिचय दिया है, जिसमें हमारी कई माताएं-बहने भी बुरी तरह घायल हुई हैं, इसकी जितनी भी निंदा की जाय वो कम है।@tsrawatbjp @INCIndia @RahulGandhi @INCUttarakhand
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) March 1, 2021
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