उत्तराखंड की कमान संभालने के एक हफ्ते के भीतर ही दिल्ली चले CM धामी, समझें क्या है एजेंडे में

उत्तराखंड की कमान संभालने के एक हफ्ते के भीतर ही दिल्ली चले CM धामी, समझें क्या है एजेंडे में

देवभूमि उत्तराखंड की कमान संभालने के एक हफ्ते के भीतर ही सीएम पुष्कर सिंह धामी दिल्ली जा रहे हैं। उनका यह दौरा काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि अगले साल चुनाव के मद्देनजर उनके पास कार्यकाल काफी छोटा है। उन्हें खुद को साबित भी करना है और पार्टी की जीत का आधार भी बनना है। ऐसे में दिल्ली क्या है उनका प्लान, पढ़िए रिपोर्ट

उत्तराखंड ने बीते 4-5 महीनों में तीन मुख्यमंत्री देख लिए। अचानक त्रिवेंद्र सिंह रावत दिल्ली जाते हैं और वापस आकर इस्तीफा दे देते हैं। चौंकाने वाले फैसले के तहत सांसद तीरथ सिंह रावत को प्रदेश की कमान सौंप दी जाती है और फिर संवैधानिक संकट के चलते वह भी दिल्ली से आते हैं और रात में इस्तीफा हो जाता है। अब प्रदेश को सबसे युवा मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी मिले हैं। पिछले दिनों उन्होंने नए मंत्रिमंडल के साथ शपथ ली और बिना देर किए कामकाज शुरू कर दिया।

इस बीच, एक बात उनके शपथ से पहले और बाद में चर्चा में रही और वह था असंतोष। कहा गया था कि उन्हें सीएम बनाने से कई वरिष्ठ नेता नाराज हैं। कुछ लोग उनके पास अनुभव की कमी बता रहे हैं। दूसरी तरफ सियासी पंडितों का कहना है कि पार्टी आलाकमान ने यह फैसला कर वरिष्ठ नेताओं को बड़ा संदेश भी देने की कोशिश की है।

इन सबके बीच सीएम धामी सरकार कामकाज को रफ्तार देने और अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर प्लान तैयार करने के लिए दिल्ली जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि वह पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह के अलावा प्रदेश से सांसद और हाल में रक्षा राज्यमंत्री बने अजय भट्ट से मुलाकात कर सकते हैं।

एक युवा पर इतना भरोसा जताते हुए प्रदेश की कमान सौंपने के मद्देनजर सीएम धामी पार्टी आलाकमान को आगे का एक्शन प्लान पेश कर सकते हैं। 4 जुलाई को सीएम पद की शपथ लेने के बाद पुष्कर सिंह धामी का यह पहला दिल्ली दौरा है। पिछले 4-5 महीनों में उत्तराखंड के सीएम के दिल्ली दौरे काफी महत्वपूर्ण रहे हैं। विपक्षी तो यह भी कह देते हैं कि दिल्ली जा रहे हैं देखिए क्या होता है। सोशल मीडिया पर भी ऐसी चर्चाएं होती रहती हैं।

सूत्रों का कहना है कि वह सीएम पद की शपथ लेने के बाद 48 घंटे के भीतर ही दिल्ली निकलने वाले थे लेकिन केंद्रीय मंत्रिपरिषद में विस्तार और फेरबदल के चलते उनका कार्यक्रम बाद में बना।

रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि वह दिल्ली कब तक रुकेंगे यह अभी तय नहीं है। ताबड़तोड़ कई मुलाकातें होनी हैं। ऐसे में 2-3 दिन भी लग सकते हैं और इस दौरान आगे राज्य सरकार के कामकाज के एजेंडे और चुनाव को देखते हुए पार्टी को मजबूत करने की दिशा में चर्चा हो सकती है। कुछ हद तक पार्टी के भीतर पनपा असंतोष भी खत्म हो गया है। केंद्रीय नेतृत्व भी चाहेगा कि युवा सीएम अपने अनुभवी साथियों, नेताओं और मंत्रियों को साथ लेकर चलें।

दिल्ली रवाना होने से पहले सीएम ने यह ट्वीट किया है और पीएम नरेंद्र मोदी का आभार जताया है।

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