उत्तराखंड का पिथौरागढ़ जिला भूस्खलन की सबसे ज्यादा मार झेल रहा है। पिछले एक महीने में कई घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। ताजा घटना में 24 घंटे बीतने के बाद भी भूस्खलन के मलबे में दबी महिला का कोई पता नहीं चल सका है।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में इन दिनों भारी बारिश के चलते काफी तबाही मची हुई है। आपदा का गढ़ बन चुके धारचूला तहसील के जुम्मा के एकला तोक में सोमवार सुबह चार बजे मूसलाधार बारिश के दौरान पहाड़ी से हुए भूस्खलन से आए मलबे में एक महिला दब गई। सूचना पर धारचूला तहसील मुख्यालय से पहुंची टीम ने छह घंटे तक रेस्क्यू अभियान चलाया लेकिन महिला का पता नहीं चल पाया।
जुम्मा गांव की भागीरथी देवी पत्नी नर सिंह रविवार सुबह करीब चार बजे घर से कुछ दूरी स्थित गोशाला में जानवरों को चारा देने गई थी। इसी दौरान पहाड़ी से भारी मात्रा में आया मलबा भागीरथी को बहा ले गया। इधर परिजनों ने घटना की सूचना बीडीसी सदस्य लक्ष्मी देवी को दी।
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उनके द्वारा तहसील प्रशासन को जानकारी देने के बाद धारचूला तहसील मुख्यालय से एसओ विजेंद्र साह के नेतृत्व में 10 एसडीआरएफ, 10 पुलिस जवान सहित राजस्व टीम ने मौके पर पहुंचे। महिला को ढूंढने का रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया। यहां लगातार छह घंटे तक रेस्क्यू अभियान के बाद भी महिला का कोई सुराग नहीं मिल पाया।
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उपजिलाधिकारी एके शुक्ला ने बताया कि लगातार बारिश होने और पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण महिला की खोजबीन का काम रोकना पड़ा है। मंगलवार को फिर रेस्क्यू अभियान चलाया जाएगा। फिलहाल 20 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है।
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