लंबे समय से अपनी बहू अनुकृति गुसाईं के लिए टिकट मांग रहे हरक सिंह कई बार बगावती तेवर दिखा चुके थे। वह अपनी बहू को लैंसडाउन विधानसभा से मैदान में उतारना चाह रहे थे। इसके साथ ही अपनी कोटद्वार विधानसभा सीट बदलने का भी दबाव बना रहे थे। यही नहीं उन्होंने कोटद्वार के बदले में डोईवाला, रुद्रप्रयाग समेत पांच सीटों का विकल्प पार्टी को दिया था।
उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया है। यही नहीं उन्हें छह साल के लिए पार्टी से भी बाहर कर दिया गया है। कांग्रेस से बगावत कर साल 2016 में भाजपा में आए हरक सिंह सोमवार को फिर कांग्रेस ज्वाइन करने वाले है।
लंबे समय से अपनी बहू अनुकृति गुसाईं के लिए टिकट मांग रहे हरक सिंह कई बार बगावती तेवर दिखा चुके थे। वह अपनी बहू को लैंसडाउन विधानसभा से मैदान में उतारना चाह रहे थे। इसके साथ ही अपनी कोटद्वार विधानसभा सीट बदलने का भी दबाव बना रहे थे। यही नहीं उन्होंने कोटद्वार के बदले में डोईवाला, रुद्रप्रयाग समेत पांच सीटों का विकल्प पार्टी को दिया था। इस बीच दिल्ली जाकर कांग्रेस नेताओं से मिलने की खबरों के बाद उन्हें भाजपा से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
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हरक सिंह कांग्रेस ज्वाइन करेंगे, इसमें किसी को संदेह नहीं था। शनिवार को हुई भाजपा कोर कमेटी और चुनाव समिति की बैठकों से भी वह नदारद थे। हालांकि उनका कहना था कि पार्टी से कोर कमेटी की बैठक के लिए निमत्रण नहीं मिला था। इससे पहले कैबिनेट बैठक के दौरान कोटद्वार में मेडिकल कालेज के मुद्दे पर इस्तीफा देने का ऐलान कर चुके हरक मानमनोव्वल के बाद पार्टी में बने रहे। लेकिन लगातार दबाव बना रहे हरक से पार्टी ने पीठा छुड़ाना ही बेहतर समझा।
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