कोरोना काल में सरकार के लिए जितना अहम संक्रमण से लोगों को बचाना है उतना ही जरूरी उन्हें रोजगार उपलब्ध कराना है, जिससे काम-धंधा छोड़कर गांव लौटे लोगों का गुजर बसर हो सके। टिहरी जिले में इसको लेकर प्रशासन ने अभियान चला रखा है।
उत्तराखंड के टिहरी जिला कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बेहतरीन रिकवरी रेट हासिल करने के बाद घर लौटे लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। लोगों को स्वरोजगार के मौके उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्रवासियों को उनकी इच्छा के अनुसार कृषि, मुर्गी पालन, पशुपालन, उद्यान, बकरी पालन जैसे तमाम क्षेत्रों में स्वरोजगार के लिए मदद उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए जिला मुख्यालय में स्वरोजगार कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है।
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने लोगों से कहा है कि वे स्वरोजगार के लिए सीधे कंट्रोल रूम में संपर्क करें। बताया जा रहा है कि टिहरी में करीब 35 हजार लोग शहरों से लौटकर आए हैं। इन लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए इच्छुक महिला और पुरुष कंट्रोल रूम के दो नंबरों – 8791607766 और 8791524815 पर सुबह 10 से शाम 5 बजे तक संपर्क कर सकते हैं।
पढ़ें- कोरोना से जंग में टिहरी ने किया कमाल
जिला प्रशासन ने कंट्रोल रूम में 10 ऑपरेटरों की तैनाती कर रखी है जो तय अवधि में लगातार लोगों को मदद पहुंचा रहे हैं। अगर अकेले कुक्कुट व्यवसाय शुरू करने की बात करें तो विभाग को जिले के 335 लोगों से आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।
आपको बता दें कि कोरोना से जंग लड़ रहे उत्तराखंड को टिहरी जिले ने नई राह दिखाई है। कोरोना के 99 प्रतिशत मामले ठीक हो गए हैं। राष्ट्रीय स्तर पर टिहरी मॉडल पर रिसर्च की बात हो रही है। टिहरी गढ़वाल जिले में मई के आखिर में कोरोना का पहला मरीज सामने आया। धीरे-धीरे प्रवासी आते गए और यह संख्या बढ़ती गई।
एक समय उत्तराखंड में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में टिहरी दूसरे स्थान पर आ गया। हालात बिगड़ते गए तो सरकार ने युवा और तेजतर्रार जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल को कोरोना पर काबू करने के लिए जिले की कमान सौंपी। 26 मई को उन्होंने चार्ज संभाला और फिर एक के बाद एक फैसलों से उन्होंने टिहरी को कोरोना से जीत के करीब लाकर खड़ा कर दिया है।
उद्यान विकसित करने में दिलचस्पी
उधर, कीर्तिनगर विकासखंड के कई गांववालों ने उद्यान में दिलचस्पी दिखाई है। करीब 24 हेक्टेयर भूमि पर उद्यान विकसित करने के लिए अब तक 100 से ज्यादा ग्रामीणों ने प्रस्ताव भेजे हैं। विभिन्न गांवों में आम, अमरूद, लीची, संतरा, माल्टा, अनार, आंवला सहित 6 हजार से अधिक पौधों के रोपण की तैयारी है। आवेदकों में बड़ी संख्या उन प्रवासियों की है जो लॉकडाउन में गांव लौटे हैं।
3 comments
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Arvindparsad
July 6, 2020, 2:21 pm7017956672
REPLYसीएम त्रिवेंद्र की दो टूक, पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना में गड़बड़ी हुई तो डीएसओ जिम्मेवार होंगे - Hill-Ma
July 6, 2020, 3:27 pm[…] […]
REPLYLalit
July 6, 2020, 8:23 pmSir .
REPLYPashu palan. Murgi aur Bakri palan ka stimate what’s app ke sakte hai.
9560628025