सूर्यधार झील से क्षेत्र को पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा। इससे लगभग 18 गांवों को सिंचाई और 19 गांवों को पेयजल मिलेगा जो पूरी तरह से ग्रैविटी आधारित होगी। इस क्षेत्र में लंबे समय से पेयजल और खेतों की सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता न होने की समस्या रही है। इसी दिक्कत को समझते हुए मुख्यमंत्री ने सूर्यधार में झील बनाने का ऐलान किया था।
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्टों में से एक सूर्यधार झील बनकर तैयार हो गई है। रविवार को सीएम रावत इस झील को प्रदेशवासियों को समर्पित करेंगे। पहले डोबराचांठी, जानकी सेतु और अब सूर्यधार एक अहम प्रोजेक्ट रहा है।
सूर्यधार झील से क्षेत्र को पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा। इससे लगभग 18 गांवों को सिंचाई और 19 गांवों को पेयजल मिलेगा जो पूरी तरह से ग्रैविटी आधारित होगी। इस क्षेत्र में लंबे समय से पेयजल और खेतों की सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता न होने की समस्या रही है। क्षेत्रवासियों की इसी दिक्कत को समझते हुए मुख्यमंत्री ने सूर्यधार में झील बनाने का ऐलान किया था।
यह भी देखें – उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर सेवाओं को लैंडिंग और पार्किंग के लिए मिलेगी ऑनलाइन अनुमति
यह भी देखें – पौड़ी में लिखी जा रही बदलाव की खूबसूरत कहानी, कंडोलिया थीम पार्क बनेगा बड़ा टूरिस्ट डेस्टीनेशन
यह भी देखें – उत्तराखंड के 20 सालः सड़कों से बदल रहे कनेक्टिविटी के मायने
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र समय-समय पर सूर्यधार में निर्माणाधीन झील के निरीक्षण किए जाते रहे। अब रिकॉर्ड समय में यह झील बनकर तैयार हो गई है। यह झील आने वाले दिनों में देहरादून जिले में नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर भी उभरेगी। यहां पर सरकार की योजना नौकायन के साथ ही लोगों को प्रकृति का दीदार कराने व अन्य पर्यटन गतिविधियां संचालित करने की है। इस बहुउद्देशीय योजना के माध्यम से प्रति वर्ष 7 करोड़ रुपये की बिजली की बचत भी होगी। इससे किसानों को बारह महीने पानी मिलेगा।
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *