लौटने वाले प्रवासियों को कैसे देंगे रोजगार, सरकार का रोडमैप तैयार, जरूर देखें…

लौटने वाले प्रवासियों को कैसे देंगे रोजगार, सरकार का रोडमैप तैयार, जरूर देखें…

पलायन का दंश झेल रहे उत्तराखंड के गांवों में लॉकडाउन एक नई उम्मीद बनकर आया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह के निर्देश पर ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि लौटकर आए 30 फीसदी लोगों ने लॉकडाउन खुलने और स्थिति सामान्य होने के बाद भी गांव में ही रुकने की इच्छा जताई है।

उत्तराखंड सरकार लंबे समय से यह कोशिश कर रही है कि राज्य से पलायन कर रहे युवा यहीं रुकें और स्थानीय स्तर पर रोजगार से जुड़ी योजनाओं को अपनाएं। हालांकि तमाम कोशिशों के बाद भी राज्य से पलायन लगातार जारी रहा। राज्य में 800 से ज्यादा ऐसे गांव हैं, जहां पूरी आबादी पलायन कर चुकी है। बेहतर सुविधाओं की तलाश में लोगों ने अपना घर-गांव छोड़ दिए।

बहरहाल, कोरोना के संक्रमण और उसके बाद घोषित लॉकडाउन ने तस्वीर कुछ हद तक बदली है। रोजगार की तलाश में अपने घर छोड़कर निकल चुके युवा अब लौटना चाहते हैं। वे इस उम्मीद से सरकार की तरफ देख रहे हैं कि अगर घर लौटते हैं, तो उनके रोजगार के लिए रास्ते खोले जाएंगे।

लॉकडाउन के पहले पखवाड़े के बाद पलायन आयोग द्वारा कराए गए एक सर्वे में भी यही बात निकलकर आई। दरअसल, पलायन आयोग लौटकर आए लोगों से यह जानने का प्रयास किया कि क्या वे स्थितियां सामान्य होने पर फिर शहरों का रुख कर लेंगे। इस सर्वे में निकलकर आया कि पहले पखवाड़े तक उत्तराखंड के 10 जिलों के 59360 लोग अपने गांवों की ओर लौटे हैं। सबसे ज्यादा पौड़ी, अल्मोड़ा, टिहरी, चंपावत और पिथौरागढ़ में लोगों की वापसी हुई। इनमें 65 फीसदी देश के विभिन्न राज्यों, 30 फीसदी उत्तराखंड के शहरी इलाकों और पांच फीसद लोग विदेश से लौटे हैं। राज्य पलायन आयोग की मानें तो इनमें से 30 फीसद ने लॉकडाउन खुलने और स्थिति सामान्य होने के बाद गांव में ही रुकने की इच्छा जताई है।

यह भी देखें – पहाड़ों के लिए ‘वरदान’ बना लॉकडाउन! अब गांवों में ही रहना चाहते हैं लौटकर आए 30 फीसदी प्रवासी

देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे उत्तराखंडियों को लाने के लिए राज्य सरकार कोशिश कर रही है। खास बात यह है कि अभी तक 1 लाख 70 हजार लोग घर वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। हालांकि सबसे बड़ी चिंता राज्य में रोजगार को लेकर है। ऐसे में त्रिवेंद्र सिंह कैबिनेट ने कुछ महत्वपूर्ण फैसले किए हैं।

इनमें लौटने वाले प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की जाएगी। निर्माण के लिए 25 लाख और सर्विस सेक्टर के लिए 10 लाख रुपये तक का कर्ज मिलेगा। सरकार 1.5 लाख रुपये से 6.25 लाख रुपये तक का अनुदान देगी। लोन पास करने की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों को दी गई है।

 

यह भी देखें – सीएम त्रिवेंद्र ने संशय किया दूर, ‘जो लौटना चाहते हैं, उन्हें जरूर लाएगी सरकार’

रिवर्स माइग्रेशन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्राथमकिता वाले विषयों में रहा है। उनका जोर है कि पलायन कर चुके लोग अपने गांवों की ओर लौटें। वह पहले ही कह चुके हैं कि लॉकडाउन के कारण प्रदेश में हजारों लोगों ने रिवर्स माइग्रेशन किया है, लॉकडाउन के बाद भी इनकी संख्या और बढ़ सकती है। इसके लिए एक प्रोफॉर्मा तैयार किया गया है जिसमें उनकी दक्षता आदि का पूरा विवरण तैयार किया जाना है। यह प्रक्रिया भविष्य की योजना तैयार करने में मददगार हो सकेगी। जिला अधिकारी अपने जिलों में इसका ध्यान रखेंगे। बदलते हालात में अर्थव्यवस्था को किस प्रकार मजबूती प्रदान की जाए, हमारे सामने इसकी भी चुनौती है। उन्होंने कहा है कि बड़ी संख्या में लोग अपने घरों को लौटे हैं। ये लोग रिवर्स माइग्रेशन की ओर अग्रसर हों, इसके लिए एक अध्ययन रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी पलायन आयोग को दी गई। यहां लौटे लोगों को यहां पर बेहतर संसाधन एवं सुविधाएं उपलब्ध कराकर उन्हें रोका जा सकता है, पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने में यह कारगर प्रयास होगा।

 

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5 comments
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5 Comments

  • Lal singh
    May 8, 2020, 12:17 pm

    मैं उत्तराखंड जिला चंपावत से सिमलखेत गांव का निवासी हूं क्या मैं दूध उद्योग के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से जुड़ सकता हूं, क्योंकि दुग्ध उद्योग से मैं पूरे गांव को रोजगार और स्वस्थ उत्तराखंड की मिसाल पेश करना चाहता हूं

    REPLY
  • श्याम सुन्दर
    May 8, 2020, 3:32 pm

    सर में सर्विस सेक्टर में काम करता हूँ, जिसमें House keeping facilities management/ hygiene management / sensitisation/ office chairs cleaning, floor carpet carpets cleaning,car sheets dry cleaning, (Hotels, offices, mall, hospitals, schools, hygienec cleaning & and maintenance सर्विसेज दी जाती है, जिसमें under contract labour रखी जाती है, सभी तरह के लेबर लौ का पालन किया जाता है।

    उमीद है कि मुझे मौका मिलेगा

    श्याम सुन्दर
    9815664004

    REPLY
  • Yogesh singh
    May 8, 2020, 8:38 pm

    I have my own plot in dehradun at doiwala Mazrigrant. I am intrested to build complex to start my Restaurant. I need to know about my eligibility for the same.

    REPLY
  • Salman ali
    May 8, 2020, 8:46 pm

    Plz I need work

    REPLY

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